वाशिंगटन: अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति पद का चुनाव होना है। ऐसे में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी की ओर से दावेदारी कर रहे डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ा मुकाबला है। अभी कुछ दिनों पहले ही ट्रंप और हैरिस के बीच पहली प्रेसिडेंशियल बहस हुई है। अब डोनाल्ड ट्रंप जो बाइडेन के कार्यकाल को लेकर कमला हैरिस को भी कठघरे में खड़ा करते आ रहे हैं। मगर अब कमला हैरिस ने जो बाइडेन के बहाने घिरने से बचने के लिए नया तरीका ईजाद कर लिया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि वह वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन से अलग हैं, क्योंकि वह ‘नयी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व’ करती हैं।
जाहिर है अपने इस बयान के जरिये कमला हैरिस मतदाताओं में बाइडेन सरकार से अलग छवि बनाना चाहती हैं। क्योंकि उनको डर है कि बाइडेन के कार्यकाल और कामकाज के तरीके को लेकर अगर वह डोनाल्ड ट्रंप से बहस करेंगी तो इसका उन्हें नुकसान हो सकता है। ऐसे में कमला ने अब खुद को बिलकुल नए अंदाज में पेश करने की कवायद शुरू कर दी है। रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच बुधवार को हुई प्रेसिडेंशियल बहस में हैरिस ट्रंप पर भारी पड़ती नजर आईं। पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनने के बाद पहली बार एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में कमला हैरिस ने डोनाल्ड ट्रंप के ‘नफरत भरे और विभाजनकारी’ भाषण की आलोचना की और कहा, ‘‘मुझे ऐसा लगता है कि ट्रंप जिस तरह की नेतृत्व शैली अपनाते हैं अब उससे लोग ‘थक गए’ हैं।
कमला ने कहा मैं नई पीढ़ी का करती हूं प्रतिनिधित्व
फिलाडेल्फिया में समाचार चैनल ‘डब्ल्यूपीवीआई-टीवी’ के एंकर ब्रायन टैफ ने हैरिस से पूछा कि वह एक या दो ऐसे क्षेत्र बताएं जहां वह बाइडेन से खुद को अलग समझती हैं। हैरिस ने कहा, ‘‘देखिए मैं जो बाइडेन नहीं हूं और मैं ‘नयी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व’ करती हूं।” उन्होंने कहा कि जिन चीजों को एक बार हल्के में लिया गया उन्हें अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हैरिस ने कहा,‘‘ उदाहरण के लिए, मेरी पास एक योजना है जो एक नए दृष्टिकोण पर आधारित है। इसके तहत मैं परिवारों के लिए उनके बच्चे के एक वर्ष के होने तक ‘चाइल्ड टैक्स क्रेडिट’ 6,000 अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाना चाहती हूं, क्योंकि यह वर्ष बच्चे के विकास लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है और इसलिए मेरा नजरिया वर्तमान समय को ध्यान में रखते हुए नये विचारों, नयी नीतियों के बारे में है।
उन्होंने कहा, ”ईमानदारी से कहूं तो मेरा ध्यान इस बात पर है कि 21वीं सदी के साथ तालमेल बिठाने के लिए हमें अगले 10, 20 वर्षों में क्या करना होगा जिसमें अपनी क्षमताओं को और बढ़ाने के साथ-साथ चुनौतियां भी शामिल हैं।’ (एपी)
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