यूपी की योगी सरकार ने गन्ना पेराई सत्र 2024-25 के लिए गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी है। नीति से अति लघु किसानों को जहां गन्ना आपूर्ति में विशेष प्राथमिकता मिलेगी, वहीं चीनी मिलों को पहली बार मशीन से गन्ना कटाई की अनुमति दी गई है।
यूपी की योगी सरकार ने गन्ना पेराई सत्र 2024-25 के लिए गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी है। नीति से अति लघु किसानों को जहां गन्ना आपूर्ति में विशेष प्राथमिकता मिलेगी, वहीं चीनी मिलों को पहली बार मशीन से गन्ना कटाई की अनुमति दी गई है। जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शुगर मिल अपने क्षेत्र के किसानों के यहां मशीन से गन्ना कटाई करा सकती हैं। 30 सितंबर तक बनने वाले नए सदस्यों को गन्ना आपूर्ति का लाभ इसी पेराई सत्र से मिलेगा और 72 कुंतल गन्ना सट्टा धारक किसानों को पेड़ी गन्ने के लिए 1 से 3 कैलेंडर पक्ष में और पौधा गन्ने के लिए 7 से 9 पक्ष में पर्ची जारी की जाएगी। ड्रिप इरीगेशन के माध्यम से गन्ने की सिंचाई करने वाले किसानों को अतिरिक्त सट्टे की सुविधा दी जाएगी।
ये हैं गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति की खासियत
-पहली बार नए सदस्यों को पेराई सत्र 2023-24 में चीनी मिल की औसत गन्ना आपूर्ति या जनपद की गन्ना उत्पादकता का 65 फीसदी जो भी अधिक हो की सीमा तक गन्ना सट्टा का लाभ मिलेगा।
-ऐसे समिति सदस्यों को जिनके पास पेड़ी या शरदकालीन पौधा है, उनकी पर्ची पहली बार 6वें पक्ष में लगाने की व्यवस्था होगी।
-30 सितंबर तक बनने वाले समिति सदस्यों को इसी सत्र से गन्ना आपूर्ति का लाभ मिलेगा।
-72 कुंतल तक गन्ना उत्पादन वाले किसानों को पेड़ी के लिए 1 से 3 व पौधा गन्ने के लिए 7 से 9वें पक्ष में पर्ची जारी होगी।
-जल संरक्षण के लिए ड्रिप इरीगेशन वाले किसानों को अतिरिक्त गन्ना सट्टा का लाभ दिया जाएगा।
-अभिनव प्रयोग के तहत पहली बार शुगर मिलों को सट्टा नीति में मशीनों से गन्ना कटान की अनुमति दी गई है।
-गन्ना प्रजाति को-15023 को अगेती मानते हुए पहली बार पेड़ी और शरदकालीन पौधा किसानों को अतिरिक्त बांडिंग की सुविधा 6वें पक्ष से दी जाएगी।