यूपी के आगरा से मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। जिले एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में भर्ती 11 वर्षीय बालिका के साथ जूनियर डॉक्टर ने छेड़छाड़ की। पीड़िता की मां की तहरीर के बाद यौन शोषण के आरोप में पुलिस ने जूनियर डॉक्टर दिलशाद हुसैन को गिरफ्तार किया है। घटना मंगलवार रात मेडिकल कॉलेज के जनरल वार्ड में हुई। बुधवार को परिजनों की तहरीर पर थाना एमएम गेट पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपित डॉक्टर को जेल भेज दिया है।
पुलिस के मुताबिक, शाहगंज क्षेत्र की रहने वाली बालिका को छह सितंबर को एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। 7 सितंबर को उसे बाल रोग विभाग में शिफ्ट किया गया। 9 सितंबर को हालत में सुधार होने पर उसे आईसीयू से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। रात को वार्ड में बेटी के साथ मां भी मौजूद थी। रात करीब 11.55 बजे डॉ. दिलशाद हुसैन चेकअप के बहाने बालिका को वार्ड में स्थित अपने चैंबर में ले गए। कुछ देर बाद बालिका चीखते हुए डॉक्टर के चैंबर से बाहर दौड़कर आई और मां से लिपटकर रोने लगी। बताया कि डॉक्टर ने उसके कपड़ों में हाथ डालकर गंदी हरकत की है। इस पर आग बबूला मां ने हंगामा शुरू कर दिया। आरोपित डॉक्टर ने सफाई दी कि वह जांच कर रहा था। इसके बाद मां ने रात को ही चाइल्ड लाइन और पुलिस को फोन किया।
इधर, हंगामा बढ़ता देखकर पुलिस के आने से पहले आरोपित वार्ड से निकल गया। लोगों की आवाजाही, हंगामा और आरोप प्रत्यारोप में रात बीत गई। बुधवार सुबह पीड़िता के एक परिचित ने घटना की जानकारी बजरंग दल को दी। सूचना पर ब्रज प्रांत संमायोजक दिग्विजय नाथ तिवारी, उपाध्यक्ष सुनील पाराशर, विभाग मंत्री राजीव शर्मा सहित कई पदाधिकारी एसएनएमसी पहुंच गए। वहां किसी के ना मिलने पर सभी थाने पहुंचे। मामला दो समुदायों से जुड़ा होने पर पुलिस भी सक्रिय हो गई और आनन-फानन में मुकदमा दर्ज कर लिया।
दुराचार और पॉक्सो की धाराओं में मुकदमा
एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में मंगलवार रात हुई घटना के आरोपित जूनियर डॉक्टर दिलशाद हुसैन के खिलाफ दुराचार और पॉक्सो की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपित पीजी प्रथम वर्ष का छात्र है। मूलत: हाफिस गंज बरेली का निवासी है। उसे कॉलेज से निलंबित कर दिया गया है।
चुप रहने को नौकरी का प्रलोभन देने का आरोप
पीड़ित बालिका के परिजनों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने मामले को दबाने का प्रयास किया। मां के हंगामा करने पर मौके पर पहुंचे लोगों ने पीड़ित परिवार को कार्रवाई न करने के एवज में नौकरी का प्रलोभन भी दिया। मगर मां ने प्रलोभन ठुकराते हुए आरोपित पर कार्रवाई के लिए हेल्पलाइन और सामाजिक संगठनों से संपर्क किया। इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। एसपी आनंद कुमार पांडेय ने बताया कि आरोपित पीजी छात्र दिलशाद हुसैन को जेल भेज दिया गया है। पुलिस विवेचना के दौरान साक्ष्य संकलन करेगी। पीड़िता का मेडिकल कराया गया है। कोर्ट में बयान दर्ज होंगे।
आरोपित जूनियर डॉक्टर निलंबित
एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में यौन शोषण के आरोपी जूनियर डाक्टर को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही जांच के लिए तीन कमेटियां गठित की गई हैं। तीनों कमेटियां अलग-अलग स्तरों पर जांच करके प्राचार्य को रिपोर्ट सौंपेंगी। प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि आरोपित जूनियर डॉक्टर कॉलेज से पीडियाट्रिक (बाल रोग) में पोस्ट ग्रेजुएट कर रहा है।
अस्पताल से नहीं मिली एंबुलेंस, ट्राइसाइकिल पर शव ले गए परिजन
मंगलवार देर रात घटना के बाद पुलिस आरोपी अपने साथ ले गई। बुधवार दोपहर मुकदमा दर्ज होने और जूनियर डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद तात्कालिक कार्यवाही करते हुए उसे निलंबित कर दिया गया है। कॉलेज प्रशासन ने जांच के लिए तीन कमेटियां गठित की हैं। जेंडर ह्रासमेंट की जांच के लिए डॉ. निधि गुप्ता की अध्यक्षता में इंटरनल कमेटी बनाई गई है। इसके अलावा उप प्राचार्य डॉ. टीपी सिंह की अध्यक्षता में अनुशासनात्मक कमेटी जांच करेगी। जबकि बाल रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. नीरज कुमार की अध्यक्षता में विभागीय जांच भी कराई जा रही है। तीनों कमेटियां अपनी जांच करके तीन दिन में प्राचार्य को रिपोर्ट सौंपेंगी। इसी के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
जूडा एसोसिएशन को जांच पर भरोसा
एसएनएमसी जूनियर रेजीडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. साहिल विज का कहना है कि जूनियर डाक्टर पर आरोप लगाए गए हैं। एसोसिएशन को पुलिस और प्रशासन की जांच पर भरोसा है। उम्मीद है कि पुलिस निष्पक्ष होकर जांच करेगी और सच सामने लाएगी। फिलहाल कोई टिप्पणी करना ठीक नहीं है। प्राचार्य एसएनएमसी डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि कॉलेज प्रशासन ने तात्कालिक कार्यवाही के तहत जेआर को निलंबित कर दिया है। जांच के लिए तीन कमेटियां बनाई हैं। उनसे तीन दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।