भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और महान गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के साथ इंटरनेशनल हॉकी से रिटायरमेंट ले लिया। वे अपनी नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं और वे जूनियर हॉकी टीम के हेड कोच होंगे। इस बीच पीआर श्रीजेश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक स्पेशल लेटर मिला है, जिसमें पीएम मोदी ने दिग्गज गोलकीपर की तारीफ की है और उन्हें नई पारी की बधाई दी है।
पीआर श्रीजेश ने अपने इंस्टाग्राम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्पेशल लेटर शेयर करते हुए लिखा, “मुझे नरेंद्र मोदी सर से अपने रिटायरमेंट पर यह दिल को छू लेने वाला पत्र मिला। हॉकी मेरी जिंदगी है और मैं इस खेल की सेवा करना जारी रखूंगा और भारत को हॉकी में एक ताकत बनाने की दिशा में काम करूंगा, जिसकी शुरुआत 2020 और 2024 ओलंपिक पदकों के साथ हो चुकी है। मुझ पर आपके विश्वास के लिए धन्यवाद पीएम सर।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पत्र में लिखा, “प्रिय श्रीजेश, मुझे विश्वास है कि यह पत्र आपको अच्छे स्वास्थ्य और उत्साह में पाता है। सबसे पहले, पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के लिए और एक और शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई। जीत की मिठास का आनंद लेना और साथ ही यह तथ्य पचाना कि एक खिलाड़ी के रूप में देश के लिए यह आपका आखिरी खेल होगा, आपके लिए यह एक बहुत ही भावनात्मक क्षण रहा होगा। मुझे यकीन है कि खेल में बजने वाला अंतिम हूटर जीवन के खेल के अगले भाग की शुरुआत का संकेत मात्र था, जिसमें आप जूनियर पुरुष टीम के मुख्य कोच होंगे। मुझे यकीन है कि नई भूमिका में आपका काम उतना ही प्रभावशाली और प्रेरणादायक होगा।”
उन्होंने आगे लिखा, “जैसा कि आप अपने खेल के करियर को समाप्त किया है और उसे आप सेलिब्रेट कर रहे हैं। मैं भारतीय हॉकी में आपके महान योगदान के लिए अपनी हार्दिक प्रशंसा व्यक्त करना चाहता हूं। जब आप हमारे गोलकीपर के रूप में मैदान पर खड़े थे, तो भारतीय प्रशंसकों के दिलों में यह आश्वासन था कि चाहे कुछ भी हो, श्रीजेश ध्यान रखेंगे। समय-समय पर, आप अपनी त्वरित सजगता, तीक्ष्ण प्रवृत्ति और दबाव में शांत आत्मविश्वास के साथ जीत और हार के बीच खड़ी दीवार की तरह खड़े रहे हैं। पिछले कई वर्षों में, आपने हमारे देश को सैकड़ों अविस्मरणीय क्षण दिए हैं।”
पीएम मोदी ने श्रीजेश की तारीफ में आगे लिखा, “उदाहरण के लिए, लोग याद करते हैं कि आपने किस तरह कई पेनल्टी स्ट्रोक बचाए और 2014 के एशियाई खेलों के फाइनल में हमें स्वर्ण पदक जिताने में मदद की। आपके नेतृत्व में टीम रियो ओलंपिक में क्वॉर्टर फाइनल तक पहुंची, जिससे भारतीय हॉकी में नई जान आई। टोक्यो और पेरिस में लगातार दो पदक, जिनमें आपकी अहम भूमिका रही, करोड़ों प्रशंसकों के लिए एक सपना सच होने जैसा है। ऐसी अनगिनत यादें हैं जिन्हें कोई भी याद कर सकता है और एक पत्र कभी भी पर्याप्त नहीं होगा!” उन्होंने दूसरे पन्ने पर भी श्रीजेश की तारीफें लिखी हैं।