केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल के विधायक और प्रदेश अध्यक्ष के बीच यूपी में ठन गई है। दलित परिवार को न्याय दिलाने के लिए अनुप्रिया पटेल के एक विधायक ने धरना शुरू कर दिया तो प्रदेश अध्यक्ष ने इसके खिलाफ लेटर जारी कर किसी भी नेता या कार्यकर्ता को धरने में जाने से मना कर दिया है। दरअसल दलित परिवार को न्याय दिलाने के लिए अपनी ही सरकार होते हुए अपना दल के विधायक को धरने पर बैठना पड़ गया है। पुलिसिया कारस्तानी से परेशान होकर मंगलवार की शाम गांधी प्रतिमा के समक्ष शोहरतगढ़ से अपना दल के विधायक विनय वर्मा धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री को तय करना होगा कि जनता का सम्मान रहेगा या एसपी प्राची सिंह रहेंगी। उनका धरना तभी समाप्त होगा जब एसपी हटा दी जाएंगी।
विधायक का कहना है कि जिले के अधिकारी मुख्यमंत्री तक को गुमराह कर रहे हैं। खनन माफिया ने दलित परिवार पर कहर ढाया। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की गई तो अफसरों ने मंडलीय बैठक में मुख्यमंत्री से झूठ बोल दिया। कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। जबकि सच्चाई यह है कि अभी तक एफआईआर भी नहीं लिखी गई है। उनका कहना है कि इस बार में प्रमुख सचिव गृह तक से शिकायत की गई लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्होंने इलाके के पुलिस अधिकारियों पर कारोबारियों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया।
विधायक ने एसपी पर तमाम आरोप मढ़े। उन्होंने कहा कि थानों को बेचा जा रहा है। यह बात जनता भी जान रही है। जनता की तो बात दूर, जनप्रतिनिधियों की भी सुनवाई नहीं हो रही है। विधायक ने कहा कि शोहरतगढ़ क्षेत्र में अवैध खनन के दौरान ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से उसमें आग लग गई। चालक की जलकर मौत में हो गई।
दोषी कुछ प्रभावशाली लोगों को बचाने में एसओ ढेबरुआ जुटे रहे। एसपी समेत सभी उच्चाधिकारियों से शिकायत की। पुलिस अफसरों ने मुख्यमंत्री को भी गुमराह किया…। विधायक ने आरोप लगाया कि थानाध्यक्ष द्वारा अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया जाता रहा। यह सब एसपी के इशारे पर हो रहा है। इससे दुखित होकर और जनता को न्याय दिलाने तथा पुलिसिया आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए वह धरने पर बैठे हैं।
अपना दल संगठन के धरने से दूरी बनाने के सवाल पर विधायक ने कहा कि मेरी जिम्मेदारी जनता के प्रति है। जनता ने मुझे वोट दिया है तो उसके सुख दुख में साथ रहना मेरा कर्तव्य है। पार्टी अगली बार टिकट दे या न दे हम धरना देते रहेंगे।
वहीं, अपना दल के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार पाल ने कहा कि कोई भी धरना, सम्मेलन, बैठक बिना संगठन के नहीं हो सकता है। संगठन से बात करके होनी चाहिए। हमारी पार्टी एनडीए का हिस्सा है। अपनी ही सरकार के खिलाफ हम किसी भी पदाधिकारी को धरना के लिए नहीं कह सकते हैं। ऐसे में विधायक के धरने से भी पदाधिकारियों को दूर रहने के लिए कहा गया है।