डाला, सोनभद्र। हिन्दुस्तान संवाद जिले के आदिवासी इलाकों में चिकित्सा सुविधाओं का लाभ आज भी क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल पा रहा है। कुछ ऐसा ही हाल डाला से सटे आदिवासी बाहुल्य गांव में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गुरमुरा का भी है। संसाधनों और स्टाफ की कमी के कारण क्षेत्र के लोगों को उचित इलाज की सुविधा न मिलने से उन्हें काफी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
गुरमुरा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना 2012 में हुई थी, ताकि लोगों को स्वास्थ्य सुविधाए प्रदान की जा सके। शनिवार को पडताल के बाद पता चला कि वहां दो डाक्टरों की तैनाती किया गया है, जो सप्ताह में तीन तीन दिन उपलब्ध ऱहेगें। साथ ही जांच के लिए लैब टेक्निशियन, फर्मासिस्ट तैनात है। वहां पर प्रसव केन्द्र की भी ब्यवस्था है, परन्तु पानी व बिजली की उचित व्यवस्था न होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यही नहीं वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों को भी काफी दिक्कत झेलनी पड़ती है। गुरमुरा पीएचसी में तैनात फार्माशिष्ट विश्वकांत सिह ने बताया की बिजली कनेक्शऩ है परन्तु ना के बराबर बिजली मिलती है। कटौती से पूरे दिन बिजली गायब रहती है। एक माह पूर्व लगा सोलर सिस्टम पन्द्रह दिन से खऱाब है, साथ ही पानी का समरसेबल भी खऱाब पड़ा है। इस कारण हैडपंम्प से पानी भऱऩा पडता है। साथ ही वार्ड का शौचालय भी खराब पड़ा है। देखा जाय तो सुबिधाओं के अभाव में मरीज डाला व अऩ्य जगहों पर झोला छाप डाक्टरों से इलाज कराते है या किराया लगा कर चोपन या जिला अस्पताल जाते है, जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस सम्बंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक फैज अहमद ने बताया कि सारी समस्याओं की जानकारी है। रिपेयरिंग के लिए पत्र लिखा गया है। जल्द ही समस्या का समाधान होगा।