अयोध्या के खंडासा में दलित किशोरी के साथ दुष्कर्म मामले में विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव का एक बेतुका बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि यह दुष्कर्म नहीं है बल्कि उसमें दोनों की रजामंदी रही। उसके पहले जिसने रेप किया था उस बात को अंधकार में रखकर बात कही गई। उसका किसके साथ संबंध रहा पहले उसका पता लगाया जाय। रविवार को सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में सपा नेता ने कहा कि माइनारिटी के नाम पर समाजवादी पार्टी और माइनारिटी को बदनाम करने के लिए इसे उछाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह पता लगा ले सरकार अपनी सीआईडी-सीबीआई से कि पहले उसके साथ किसी के संबंध रहे। बाद में दूसरे से संबंध हुआ। गांव में मै गया था वहां सब पता चला।
उन्होने सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि मोईद खान के मामले में भी ऐसा हुआ। आखिर मोईद खान की डीएनए रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही है सरकार जबकि कन्नौज वाले मामले में डीएनए रिपोर्ट मेल खा गई तो उसे सार्वजनिक कर दी गई। बाद में बात संभालते हुए कहा कि हम लोग पीड़ित पक्ष के साथ हैं। जो समाज में गलती करेगा वह गलत है हम उसके साथ नहीं हैं। हम जाति बिरादरी के हिसबा से चीजें तय नहीं करते हैं।
बुलडोजर कार्रवाई गलत: लाल बिहारी
बुल्डोजर कार्रवाई पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह बेहद गलत नीति है। किसी के घर में चार-पांच भाई हैं। एक ने कोई अपराध किया तो सभी को उसका खामियाजा क्यों भुगतना पड़ेगा। कानून में भी यह न्याय संगत नहीं हैं। इस प्रदेश में जंगल राज कायम है। यहां न्यायालय क्यों बनाया गया है। सभी कानून सरकार अपने हाथ में लिए हुए है। योगी सरकार में कोई सुरक्षित नहीं है। महिला क्या आज तो कांस्टेबल भी सुरक्षित नहीं है।