लखनऊ बिल्डिंग हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे का संज्ञान लिया। आज दोपहर 3 बजे मुख्यमंत्री घटनास्थल जाएंगे। सीएम गोरखपुर से लखनऊ के लिए निकलेंगे। प्रशासन ने सीएम के लखनऊ दौरे की तैयारियां कर ली हैं। वहीं हादसास्थल की बात करें तो शनिवार को बिल्डिंग गिरने के बाद देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और घायलों को मलबे से बाहर निकालकर इलाज के लिए भेजा गया। साथ ही मृतकों के शवों को भी निकाला गया। वहीं बिल्डिंग मालिकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
ट्रांसपोर्टनगर में बिल्डिंग गिरने के प्रकरण में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। बिल्डिंग मालिक राकेश सिंघल और उनकीपत्नीपरआरोप लगे हैं। बिल्डिंग हादसे के बाद कमिश्नर ने जांच के लिए पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई। कमेटी ध्वस्त बिल्डिंग की स्ट्रक्चरल जांच करेगी। साथ ही पता लगाया जाएगा कि 13 साल में ही बिल्डिंग कैसे गिर गई। मलबा हटाने से पहले कमेटी इसकी जांचकरेगी।
वहीं एलडीए ने गिरने वाली बिल्डिंग के बगल की बिल्डिंग भी सील करवा दी है। दरअसल, सुबह जांच में पता चला कि बगल की बिल्डिंग में भी दरार आ गई है। बराबर की बिल्डिंग सुनीता भाटिया की बताई जा रही है। अब इस बिल्डिंग की सेफ्टी आडिट कराई जाएगी और इसके बाद हीइसेखोलाजाएगा। सील की बिल्डिंग का नाम हर मिलाप टावर बताया गया है। जांच में सामने आया है कि सील बिल्डिंग का मैप 2013 मेंपासकिया गया था।
13 साल में कैसे ढह गई तीन मंजिला बिल्डिंग, छानबीन शुरू
ट्रांसपोर्ट नगर में 13 वर्ष में ही तीन मंजिला बिल्डिंग धराशायी होने की वजह साफ नहीं हुई। हादसे की कई वजहें अलग-अलग बताई जा रही हैं। बिल्डिंग के घटिया निर्माण, बारिश का पानी नींव में जाने, बिल्डिंग के पीछे कॉम्प्लेक्स निर्माण और पिलर में ट्रक की टक्कर को घटना की वजह बताया जा रहा है। अधिकृत वजह किसी ने नहीं बताई।
घटनास्थल पर मौजूद लोगों के मौखिक बयान के मुताबिक पिलर में ट्रक की टक्कर के चलते दुर्घटना हुई है। इंजीनियरों की टीम इस मामले की जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद अपनी रिपोर्ट देगी। तीन दिन पहले भी एक ट्रक टकरा गया था। शनिवार को बैक हो रहे ट्रक ने पिलर में टक्कर मार दी थी। इसके चलते दुर्घटना हुई। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि एक पिलर के क्षतिग्रस्त होने से बिल्डिंग नहीं ढहती। तमाम बिल्डिंग गिराने में पसीने छूट जाते हैं। ट्रक के टकराने वाली बात इसलिए किसी के गले नहीं उतर रही है कि घटना के वक्त एक ट्रक दवा उतार रहा था। कुछ मजदूर दवा के पैकेट लेकर ऊपर चले गए थे और कुछ नीचे ट्रक के पास थे तभी बिल्डिंग ढह गई।