Aap Ki Adalat: जाने माने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आप की अदालत में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों के संदेश को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि जनता में साफ तौर पर यह संदेश दे दिया है कि जरा संभलकर चलिए। देश को तानाशाह की तरह नहीं, लोकतांत्रिक नेता के तौर पर चलाएं।
ये सबसे अच्छा नतीजा
प्रशांत किशोर ने कहा कि राजनीति में अहंकार नहीं होना चाहिए। यह अहंकार सबको खत्म कर देता है। उन्होंने लोकसभा चुनाव के नतीजों को अच्छा बताया और कहा, ‘ये सबसे अच्छा नतीजा है। जनता में संदेश गया है कि आप भगवान नहीं हैं लेकिन सरकार इत्मीनान से चलाओ। जनता ने राहुल गांधी को सरकार चलाने के लिए नहीं कहा, मोदी से कहा कि आप चलाएं… लेकिन तानाशाह की तरह न चलाएं, लोकतांत्रिक नेता के तौर पर चलाएं। यह संदेश जनता ने दिया है कि थोड़ा संभलकर चलिए।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव के नतीजों पर कहा, ‘विपक्ष अब एक इकाई के रूप में अधिक एकजुट दिखाई दे रहा है। यह लोकतंत्र के लिए अच्छी बात है। कम से कम संसद में अच्छी बहस हो रही है… हमें इसकी सराहना करनी चाहिए कि वे समन्वित तरीके से अपने नैरेटिव सेट करने का प्रयास कर रहे हैं।’
देश में विपक्ष कभी कमजोर नहीं होगा
प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर को बिहार में अपनी जन सुराज पार्टी शुरू करने की योजना बना रहे हैं, उन्होंने कहा,’इस साल के लोकसभा चुनाव का सबसे बड़ा फायदा हम जैसी पार्टियों को होगा, जो मतदाताओं को विकल्प दे रही हैं। अगर बीजेपी लोकसभा चुनाव में 350 से 400 सीटें जीत जाती, तो फिर हमें बिहार में काम करने में मुश्किल होती…भारत जैसे देश में विपक्ष कभी कमजोर नहीं होगा, जहां 60 करोड़ से ज्यादा लोग हर दिन 100 रुपये से कम कमाते हैं। कोई भी विज्ञापन या फिर पीआर फेसबुक, यूट्यूब के माध्यम से उन्हें प्रभावित नहीं कर सकता। वे आपके बंधुआ मजदूर नहीं हैं।’
अबकी बार, 400 पार नारे को विपक्ष ने भुनाया
यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी ने ‘अबकी बार, 400 पार’ का नारा देकर गलती की है, प्रशांत किशोर ने कहा कि नारा तो अच्छा था, लेकिन इसे बीजेपी ने नहीं, बल्कि विपक्ष ने पूरा किया। विपक्ष यह दिखाने में सफल रहा कि बीजेपी संविधान में संशोधन करने और जातिगत आरक्षण को समाप्त करने के लिए 400 सीटें चाहती है। इसका सारा श्रेय विपक्ष को जाता है। बीजेपी के कुछ बड़बोले नेताओं ने भी कहा कि पार्टी 400 सीटें जीतने के बाद संविधान बदल देगी।’
इस सवाल पर कि क्या चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी द्वारा मुजरा, मंगलसूत्र जैसे शब्दों का इस्तेमाल इस नतीजे का एक कारण हो सकता है, प्रशांत किशोर ने कहा: ‘बीजेपी के घोर समर्थकों को भी प्रधानमंत्री से ऐसे शब्दों की कभी उम्मीद नहीं की थी, क्योंकि पिछले 10 साल में नरेंद्र मोदी के बारे में जो छवि बनाई गई थी, उसे देखते हुए ऐसी उम्मीद नहीं थी। कार्यकर्ताओं में जोश भरने के बजाय इस तरह की बातों ने उन्हें निराश किया। कुछ जगहों पर इससे घबराहट भी पैदा हुई।’