भारत के नवदीप ने शनिवार को पेरिस पैरालंपिक के पुरुषों की भाला फेंक फाइनल (F41) में दूसरा स्थान हासिल करते हुए रजत पदक जीता है, वहीं दृष्टिबाधित भारतीय धावक सिमरन ने पैरालंपिक खेलों में महिलाओं की 200 मीटर (टी12) स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। मौजूदा विश्व चैंपियन सिमरन 24.75 सेकंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ पोडियम पर तीसरे स्थान पर रही। पैरालंपिक में टी12 वर्गीकरण दृष्टिबाधित एथलीटों के लिए है। नवदीप ने अपने तीसरे प्रयास में 47.32 मीटर के थ्रो के साथ पैरालंपिक रिकॉर्ड की बराबरी की थी। लेकिन ईरान के बेत सादेगह ने 47.64 मीटर का थ्रो करके पैरालंपिक रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। उन्होंने 2020 पैरालंपिक में पुरुषों की भाला फेंक F41 श्रेणी में चौथा स्थान हासिल किया था।
चौबीस वर्षीय सिमरन का जन्म समय से पहले हुआ था। उसने 10 सप्ताह इनक्यूबेटर में बिताए जहां पता चला कि वह दृष्टिबाधित है। इस साल जापान के कोबे में विश्व चैंपियन बनने वाली भारतीय को अपने पूरे जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें उनके पिता की पुरानी बीमारी और अंततः निधन भी शामिल था। वह इससे पहले 100 मीटर स्पर्धा में चौथे स्थान पर रही थीं।
कमर में चोट लगने से कुश्ती छोड़ जैवलिन थ्रो में उतरे एथलीट नवदीप ने फाइनल में फाउल के साथ शुरुआत की थी। हालांकि उनका थ्रो 45 मीटर के पार पहुंचा था लेकिन वह थ्रो करने के बाद अपने शरीर को लाइन के अंदर नहीं रख सके और उनका थ्रो अवैध माना गया। हरियाणा के 23 वर्षीय पैरा-एथलीट ने अपने दूसरे प्रयास में 46.39 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया, जिससे वह दूसरे स्थान पर पहुंच गए। लेकिन यह उनके तीसरा थ्रो ने स्टेडियम को रोमांचित कर दिया। नवदीप ने 47.32 मीटर के थ्रो के साथ पैरालंपिक रिकॉर्ड तोड़ दिया और बढ़त बना ली।
ईरान के बेइत सयाह सादेघ ने हालांकि अपने पांचवें प्रयास में 47.64 मीटर के थ्रो के साथ नवदीप के पैरालंपिक रिकॉर्ड को पीछे छोड़ नया रिकॉर्ड कायम करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया।नवदीप और सिमरन के पदकों से भारत के कुल 29 मेडल हो गए हैं जिसमें 6 स्वर्ण, 10 रजत और 13 कांस्य पदक शामिल है। इससे भारत ने पैरालंपिक खेलों के एक चरण में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी दर्ज किया और इसके और बेहतर होने की उम्मीद है।