यूपी के औरैया पहुंचे प्रभारी मंत्री डॉ. संजय निषाद के सामने ही भाजपा जिलाध्यक्ष और सीएमओ के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। जिलाध्यक्ष ने सीएमओ ऑफिस में फैले भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। जिलाध्यक्ष ने कहा जिस हेल्थ सर्टीफिकेट के लिए 200 रुपये लिए जाते थे, अब उकसे लिए दो हजार रुपए फिक्स कर दिए गए हैं। विकलांग सर्टीफिकेट बनाने के लिए पांच हजार रुपए लिए जा रहे हैं। मंत्री के सामने जिलाध्यक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों पर सीएमओ भी उनसे भिड़ गए। दोनों के बीच तीखी बहसबाजी शुरू हो गई। इस पर मंत्री ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया।
ककोर स्थित कलेक्ट्रेट सभागार में जिले के प्रभारी मंत्री डा. संजय निषाद विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। स्वास्थ्य विभाग का नंबर आया तो भाजपा जिलाध्यक्ष ने सीएमओ पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हेल्थ सर्टीफिकेट बनाने के लिए बाबू महज दो सौ रुपए लेता था। अब उसके लिए दो हजार रुपए फिक्स कर दिए गए हैं। विभिन्न कोर्स व नौकरियों के लिए युवाओं को हेल्थ सर्टीफिकेट की जरूरत पड़ती है। युवा परेशान होते हैं। सरकार की छवि धूमिल होती है।
यहीं नहीं, विकलांग सर्टीफिकेट के लिए पांच हजार रुपए लगते हैं। इस बीच सीएमओ डा. सुनील कुमार वर्मा ने आरोप निराधार बताए। दोनों के बीच तीखी बहस होने लगी। इस पर मंत्री ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया। प्रभारी मंत्री ने डीएम से ऐसे अधिकारियों पर लगाम कसने को कहा। साथ ही चेताया कि यदि ऐसे अधिकारी अपने आप नहीं सुधर गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भाजपा जिलाध्यक्ष भुवन प्रकाश गुप्ता ने बताया कि ऐसे अधिकारियों ने जिले का माहौल खराब कर रखा है। लोग परेशान हो रहे हैं। यदि इनमें सुधार नहीं हुआ तो इनके खिलाफ मुख्यमंत्री से शिकायत की जाएगी।