कोऑपरेटिव भर्ती घोटाले में सभी नवनियुक्त कर्मियों को अब हाईकोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है। 46 समितियों में भर्ती 90 नवनियुक्त कर्मियों को हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिल सकी है, जिससे एआर का आदेश यथावत लागू रहेगा। यानी ये कर्मचारी न तो हाजिरी लगा सकेंगे और न ही इन्हें कोई वेतन मिलेगा। एक तरह से देखा जाए तो इन सभी कर्मचारियों को समितियों से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
सहारनपुर में पिछले साल नवंबर दिसंबर माह में 46 कोऑपरेटिव समितियों में कामकाज चलाने के लिए अस्थाई तौर पर 90 लोगों की नियुक्तियां कर ली गई थी। शिकायतों पर जांच हुई तो नियुक्तियां नियम विरुद्ध पाई गई। समितियों को सीधे नियुक्ति करने का अधिकार ही नहीं था। यही नहीं, इन अस्थाई नियुक्तियों में भी जमकर भ्रष्टाचार होने के ऑडियो वायरल हुए तो मामला खुला। शासन ने मामले को गंभीर मानते हुए जांच कराई और पूर्व एआर एसएन मिश्रा और 4 एडीसीओ तथा 4 एडीओ को निलंबित कर दिया।
इधर, एआर कोऑपरेटिव रविशंकर ने बढ़ते सेलरी खर्च के मद्देनजर, इन कर्मचारियों के हाजिरी लगाने और वेतन आहरण पर रोक लगा दी। हालांकि इसमें 3 कर्मियों को हाईकोर्ट से स्टे मिल गया था लेकिन, बाद में कुछ अन्य कर्मचारी हाईकोर्ट गए तो कोर्ट ने सभी केस क्लब करते हुए सुनवाई की और कर्मचारियों को कोई राहत देने से इंकार कर दिया है।
हाईकोर्ट जज जस्टिस अजीत कुमार ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि याचिकाकर्ता भर्ती संबंधी कोई विज्ञापन रिकॉर्ड पर नहीं ला पाए तथा समिति बोर्ड प्रबंधन यह साबित नहीं कर पाया कि स्थाई नियुक्तियां होने तक उसे अस्थाई नियुक्ति करने का अधिकार है। इसी से कर्मचारियों को अंतरिम राहत देने का कोई ठोस आधार नजर नहीं आता है लिहाजा याचिका खारिज की जाती है।
एआर कोऑपरेटिव रविशंकर ने बताया कि कर्मचारियों की याचिका खारिज हो गई है। कोर्ट ने उन्हें कोई राहत देने से इंकार कर दिया है लिहाजा उनका आदेश, कर्मचारी न हाजिरी लगा सकेंगे और न ही वेतन आहरण कर सकेंगे, स्वतः ही लागू हो गया है। यानी ये सभी कर्मचारी एक तरह से बाहर हो गए हैं।
अब समिति सचिवों पर कार्रवाई की तैयारी, मचा हड़कंप
पूर्व एआर एसएन मिश्रा सहित चार एडीसीओ और चार एडीओ के निलंबन के बाद अब समिति सचिवों पर कार्रवाई की तैयारी है जिससे समितियों में हड़कंप मचा हैं। संयुक्त आयुक्त/निबंधक उदय भानु सिंह ने बताया कि जांच प्रक्रिया जारी है, किसी भी स्तर पर कोई भी दोषी अधिकारी कर्मचारी बचेगा नहीं। शाहजहांपुर आदि समितियों की भी जांच जारी है। जल्द कार्रवाई होगी।