Symptoms of Liver damage:अंदरुनी शरीर का सबसे भारी अंग है लिवर. इसका वजन 1.8 किलोग्राम तक हो सकता है. भोजन के पाचन के लिए लिवर को हेल्दी होना जरूरी है. इसके साथ ही शरीर के हानिकारक रसायन को शरीर से बाहर निकालने के लिए बी लिवर को होना जरूरी है. शरीर के कतरे-कतरे में खून के प्रवाह को सही तरीके से बरकरार रखने के लिए लिवर का हेल्दी होना जरूरी है. इस प्रकार लिवर हमारे शरीर के लिए 500 से अधिक तरह काम करता है. लिवर प्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल और हार्मोन सहित कई तरह केमिकल बनाते हैं को जो हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. ऐसे में लिवर का कमजोर होना खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए लिवर के खराब होने से पहले इन संकेतों को जानना जरूरी है. इससे लिवर को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.
लिवर खराब होने के संकेत
मायो क्लिनिक के मुताबिक अगर आपकी स्किन का रंग पीला होने लगे और आंखों में सफेदी दिखे तो यह लिवर में बीमारी होने के संकेत हो सकते हैं. इससे जॉन्डिस और हेपटाइटिस का खतरा रहता है. इसके अलावा पेट में दर्द या सूजन, टखनों और पैरों में सूजन, स्किन में खुजली, गाढ़ा पेशाब, गहरा मटमैला स्टूल आदि भी खराब लिवर के संकेत हैं. वहीं अगर आप लगातार थकान महसूस कर रहे हैं तो यह भी लिवर खराब होने के संकेत हो सकते हैं. जी मितलना, उल्टी, भूख कम लगना और हल्का खरोंच से घाव हो जाना भी लिवर डिजीज के लक्षण है. इस प्रकार 10 लक्षणों को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. इन संकेतों के आधार पर तुरंत इलाज शुरू कर देना चाहिए.
इन लोगों को लिवर डिजीज का ज्यादा खतरा
यदि आप ज्यादा अल्कोहल का इस्तेमाल कर रहे तो आपको लिवर डिजीज का खतरा ज्यादा है. इसी तरह ज्यादा वजन वाले लोग, टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों, टैटू गुदवाने या शरीर के छेदवाने वाले लोगों को लिवर डिजीज का ज्यादा खतरा रहता है. जिन लोगों को यूज किया हुआ निडील फिर से इंजेक्शन देने में लग जाता है उन्हें भी लिवर डिजीज का खतरा रहता है. वहीं लिवर डिजीज से पीड़ित लोगों के खून का शरीर के फ्लूड से संपर्क होने से भी लिवर डिजीज हो सकता है. वहीं असुरक्षित यौन संबध और जिनके परिवार में पहले से लिवर की बीमारी है, उन्हें भी लिवर डिजीज का खतरा रहता है.
किस तरह लिवर डिजीज से बचें
अगर आप अल्कोहल का सेवन करते हैं, तो इसे तुरंत छोड़ दीजिए. वहीं रिस्की विहेवियर से बचें, सुरक्षित यौन संबंध बनाएं. बॉडी में ज्यादा टैटू गुदवाने से बचें, टैटू को हमेशा साबुन से धोते रहें. ड्रग्स का इस्तेमाल न करें. हेपटाइटिस ए, हेपटाइटिस बी आदि की वैक्सीन लगवाएं. बिना जरूरी अनावश्यक दवा का इस्तेमाल न करें. बाहर के अनहेल्दी खाना को कम करें और रेगुलर हरी पत्तीदार सब्जियों और ताजे फलों का सेवन करें. फूड में इंफेक्शन लगने से बचा के रखें. स्किन को टॉक्सिक केमिकल से बचाएं. वजन को नियंत्रित रखें.
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FIRST PUBLISHED : September 5, 2024, 18:08 IST