शिक्षा के लिए जगह, पेशा और संसाधन महत्व नहीं रखते हैं। कोई भी पढ़ा लिखा इंसान अपनी लगन और मेहनत से छात्रों का जीवन रोशन कर सकता है। वहीं, कुछ ऐसे लोग हैं, जो पेशे से शिक्षक नहीं है पर दूसरे पेशे के साथ-साथ बच्चों को निशुल्क पढ़ा रहे हैं। जिससे गरीब असहाय बच्चों का भविष्य भी उज्जवल हो सके। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्व पल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस पांच सितम्बर को शिक्षक दिवस पर शहर के ऐसे ही कुछ खास लोगों से हिन्दुस्तान ने बात की।
फ्लोरिडा की एलेक्सिस ने खोला स्कूल
पेशे से शिक्षक नहीं, लेकिन शिक्षक से कम भी नहीं। गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देकर उनके जीवन में उजियारा ला रही हैं, अमेरिका के फ्लोरिडा निवासी एलेक्सिस ग्रेस। ग्रेस की कहानी औरों से जुदा है। उन्होंने काकोरी के अनुज रावत से शादी की। पति अनुज सीतापुर में महिला कल्याण विभाग में कार्यरत हैं। एलेक्सिस दिनभर घर में अकेले रहती थी। खाली बैठे समय गुजारना उन्हें कचोटता था। ऐसी स्थिति से बचने के लिए उन्होंने घर में ही पाठशाला खोल ली। गरीब बच्चों को अंग्रेजी विषय पढ़ाने के साथ ही वह उन्हें बातचीत में भी दक्ष बना रही हैं।
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पेशे से फोटोग्राफर थीं, बन गईं शिक्षक
एलेक्सिस ग्रेस ने बताया कि शादी से पहले वह पेशेवर फोटोग्राफर थीं। शादी के बाद लखनऊ में खुद को व्यस्त रखने के लिए बच्चों को निशुल्क पढ़ाना शुरू किया। पति अनुज ने सहयोग दिया। घर में एक कमरे में पाठशाला शुरू की। दो वर्ष पहले दो बच्चों से पढ़ाने की शुरूआत की। मौजूदा समय में तीन शिफ्ट में करीब 50 से अधिक बच्चे पढ़ने आते हैं। कई बच्चें अंग्रेजी में बात करने लगे हैं।