पेरिस पैरालंपिक में भारतीय प्रदर्शन को उस समय चार चांद लगे जब क्लब थ्रो इवेंट में एथलीट्स ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड और सिल्वर दोनों अपने नाम किए। इतना ही नहीं, इस इवेंट में गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाने वाले धरमबीर ने एशियाई रिकॉर्ड भी तोड़ा। पुरुषों के क्लब थ्रो F51 इवेंट में धरमबीर ने अपने पांचवें प्रयास में 34.92 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो करके एशियाई रिकॉर्ड तोड़ा। सूरमा ने अपने पहले प्रयास में 34.59 मीटर का थ्रो किया, लेकिन बाद के प्रयासों में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए। इस तरह उन्होंने रजत पदक जीता। वहीं सर्बिया के फिलिप ग्राओवाक ने अपने दूसरे प्रयास में 34.18 मीटर थ्रो करके ब्रॉन्ज पर कब्जा जमाया।
बता दें, धरमबीर के मेंटर और 2017 वर्ल्ड चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता अमित कुमार सरोहा इस इवेंट में हिस्सा लेने वाले तीसरे भारतीय थे। हालांकि, वह 23.96 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ अंतिम स्थान पर रहे।
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इन दो मेडल के साथ पेरिस पैरालंपिक में भारत के कुल मेडल की संख्या 24 हो गई है। धरमबीर पेरिस पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले पांचवें भारतीय बने हैं, जबकि सूरमा पेरिस में भारत के नौवें रजत पदक विजेता हैं।
चार फाउल के बाद तोड़ा एशियाई रिकॉर्ड
धरमबीर के प्रदर्शन की बात करें तो 35 वर्षीय इस एथलीट ने पेरिस पैरालंपिक क्लब थ्रो के फाइनल में अपने पहले चार थ्रो फाउल किए थे। इसके बाद अपने पांचवे थ्रो में उन्होंने 34.92 मीटर की दूरी तय कर ना सिर्फ पहला स्थान हासिल किया, बल्कि एशियाई रिकॉर्ड भी तोड़ने में कामयाब रहे।
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धरमबीर इससे पहले रियो और टोक्यो पैरालंपिक में हिस्सा ले चुके हैं, मगर वह मेडल नहीं जीत पाए थे।
धरमबीर ने 2022 की शुरुआत में हांग्जो में एशियाई पैरा खेलों में रजत पदक जीता था। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए, धरमबीर को 2022 में हरियाणा सरकार द्वारा दिए जाने वाले सर्वोच्च खेल सम्मान भीम पुरस्कार से सम्मानित किया गया।