मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंगलवार को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए यूपी महिला आयोग का उपाध्यक्ष बना दिया है। जिम्मेदारी मिलते ही अपर्णा बुधवार को चाचा शिवपाल यादव से आशीर्वाद लेने पहुंचीं। अपर्णा यादव के इस कदम को कई नजरिए से देखा जा रहा है। इस मुलाकात और आशीर्वाद के निहितार्थ निकालने के साथ ही इसका संदेश समझने की कोशिश हो रही है। माना जा रहा है कि अपर्णा ने चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात और आशीर्वाद लेकर कोई बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। हालांकि यह साफ नहीं है कि उनका यह संदेश क्या है और किसके लिए है।
अपर्णा की चाचा शिवपाल से ऐसे समय पर मुलाकात हुई है जब सीएम योगी यादव परिवार पर जबरदस्त हमलावर हैं। बुधवार को तो योगी ने शिवपाल और अखिलेश यादव की तुलना भेड़िया तक से कर दी है। मंगलवार को भी सीएम योगी ने मैनपुरी में शिवपाल यादव पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाए थे। अपर्णा इससे पहले इसी साल लोकसभा चुनाव से पहले शिवपाल यादव से मिलने पहुंची थीं। तब भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। तब शिवपाल ने कहा था कि अपर्णा का भाजपा में अपमान हो रहा है। इतने समय से भाजपा में आने के बाद भी उन्हें कहीं से टिकट तक नहीं दिया गया है। शिवपाल की इन बातों को भी अपर्णा के सपा में वापसी से जोड़ा गया था। हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ।
मुलायम की बहू अपर्णा को पहली बार बड़ी जिम्मेदारी, महिला आयोग की उपाध्यक्ष बनीं
अब लोकसभा चुनाव में सपा को मिली बड़ी सफलता के बाद अचानक अपर्णा यादव को पहली जिम्मेदारी भाजपा ने दी है। अपर्णा ने 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सपा से भाजपा का दामन थामा था। कहा जा रहा था कि उन्हें लखनऊ से भाजपा मैदान में उतार सकती है। लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया। जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा ने लखनऊ पूर्व से अपर्णा को उतारा था। तब भाजपा प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी से अपर्णा हार गई थीं।
अपर्णा मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक की पत्नी हैं। भाजपा में आने के बाद भी वह यादव परिवार के कार्यक्रमों में दिखाई देती रहती हैं। मुलायम सिंह यादव के निधन पर भी वह पूरे परिवार के साथ ही हर समय नजर आई थीं।