योगी आदित्यनाथ सरकार भर्ती परीक्षाओं को और फुलप्रूफ बनाने के लिए निजी एजेंसियों की दखलंदाजी को खत्म करने जा रही है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी भर्ती परीक्षाओं के लिए पेपर तैयार कराने से लेकर छपाई का काम कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में पहले चरण में इसे लागू किया जाएगा। इसके बाद अन्य आयोगों और बोर्डों में लागू किया जाएगा। उच्च स्तर पर इसको लेकर सहमति बन गई है और जल्द ही इसको लेकर संशोधन संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट से पास कराने की तैयारी है।
खत्म होगी सेंधमारी
राज्य सरकार भर्ती परीक्षाओं में पर्चा लीक पर पूरी तरह से रोक लगाना चाहती है। मौजूदा समय निजी एजेंसियों से पर्चा बनवाने से लेकर उसकी छपाई का काम कराया जाता है। इसके चलते पर्चा लीक होने की संभावना बनी रहती है। पर्चा लीक होने पर निजी प्रिंटिंग प्रेस वाले या फिर उसके कर्मी इसके लिए दोषी पाए जाते हैं। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में इसको लेकर एक बैठक हुई थी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने उनके समक्ष पर्चा लीक रोकने और भर्ती परीक्षा फुलप्रूफ बनाने के लिए विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया। इसमें बताया गया कि राज्य सरकार के पास अपना स्वयं का मुद्रण एवं प्रिंटिंग प्रेस है। इसीलिए भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों की छपाई इसमें ही कराई जाए। सरकारी कर्मियों के होने से पर्चा लीक करने पर उन्हें नौकरी जाने का खतरा रहेगा, इसके चलते वह किसी भी संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने से डरेंगे।
विशेषज्ञों का पैनल तैयार करेगा पेपर
इसके साथ ही भर्ती परीक्षाओं के लिए विशेषज्ञों के पैनल से प्रश्नपत्र तैयार कराने का विचार है। इसके लिए विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेजों के विषयवार प्रोफेसरों का पैनल तैयार कराने, इनसे तीन से चार सेटों में प्रश्नपत्र तैयार कराने और आयोग व बोर्ड के स्तर पर इसे अंतिम रूप दिए जाने पर विचार हुआ है। तय हुआ है कि यह इतना गोपनीय रखा जाए कि इसकी जानकारी प्रश्नपत्र तैयार करने वाले पैनल को भी न लग सके। सरकारी मुद्रण एवं प्रिंटिंग प्रेस से प्रश्नपत्र छपने के बाद कोषागार में रखा जाए। आयोग के स्तर पर अंतिम समय में तय किया जाए कि किस सेट का प्रश्नपत्र परीक्षा में बांटा जाएगा। इससे पर्चा लीक होने की संभावना काफी हद तक खत्म हो जाएगी।