भारत की अनुभवी पैरा निशानेबाज अवनि लेखरा के हाथ से मंगलवार को पेरिस पैरालंपिक 2024 में मेडल फिसल गया। वह महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस एसएच1 स्पर्धा के फाइनल में पांचवें स्थान पर रहीं। राजस्थान की 22 साल की यह निशानेबाज कार दुर्घटना में कमर के नीचे के हिस्से में लकवा मारने के कारण 11 साल की उम्र से व्हीलचेयर पर निर्भर हैं। उन्होंने आठ खिलाड़ियों के फाइनल में नीलिंग, प्रोन और स्टैंडिंग में 420.6 अंक के साथ पांचवें स्थान पर रहते हुए अपना अभियान खत्म किया।
जर्मनी की नताशा हिल्ट्रोप ने कुल 456.5 के साथ स्वर्ण पदक जीता, स्लोवाकिया की वेरोनिका वाडोविकोवा ने 456.1 के साथ रजत और चीन की झांग ने 446.0 के साथ कांस्य पदक जीता। अवनि ने अच्छी शुरुआत की थी लेकिन वह प्रोन चरण के बाद छठे स्थान पर खिसक गईं। व्हीलचेयर पर निर्भरता के कारण प्रोन निशानेबाजी उनका मजबूत पक्ष नहीं है। इसके बाद, स्टार शूटर ने स्टैंडिंग चरण में वापसी की कोशिश की लेकिन 8.3 अंक वाला एक निशाना साधने के बाद वह पिछड़ गईं। एसएच1 में खिलाड़ी बिना किसी मुश्किल के बंदूक पकड़ सकते हैं तथा खड़े होकर या बैठकर निशाना लगा सकते हैं।
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इससे पहले क्वालीफाइंग चरण में अवनि ने नीलिंग, प्रोन और स्टैंडिंग में 1159 स्कोर के साथ सातवें स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। इस स्पर्धा में भारत की एक अन्य निशानेबाज मोना अग्रवाल क्वालीफाइंग में 13वें स्थान पर रहते हुए खिताबी मुकाबले से बाहर हो गयी थी। मोना ने कुल 1147 का स्कोर बनाया था। क्वालीफिकेशन में शीर्ष आठ स्थान पर रहने वाले निशानेबाजों ने फाइनल में जगह बनाई। अवनि फाइनल में नीलिंग चरण के अंत में 150.9 अंक के साथ दूसरे स्थान पर थी। लेकिन प्रोन चरण में चीजें तेजी से बदल गयी। उनके कुछ निशाने 10 अंकों से कम वाले रहे जिससे वह खिसक कर छठे पायदान पर आ गई।
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स्टैंडिंग में उन्होंने मजबूत वापसी की लेकिन तालिका के शीर्ष निशानेबाजों से वह बड़े अंतर से पिछड़ गईं। वह 10.6 का निशाना लगाने के बाद छठे स्थान पर बाहर होने से बचने में सफल रहीं लेकिन अपने अभियान को पांचवें स्थान से आगे नहीं बढ़ा पाईं। अवनि हालांकि पैरालंपिक में एक और उत्कृष्ट अभियान के बाद स्वदेश लौटेंगी। वह इस दौरान दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। अवनि ने महिलाओं की 10 मीटर राइफल एसएच 1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता जिसमें मोना को कांस्य पदक मिला था। अवनि ने टोक्यो पैरालंपिक में भी इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था।