69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों को लेकर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने एक बार फिर यूपी की योगी सरकार को घेरा है। मायावती ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने भी नियुक्ति पत्र देने का आश्वासन दिया था। इसके बाद भी अब तक अपने ही आश्वासन पर सरकार अमल नहीं कर पाई है। यह अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है। मायावती ने ऐसे समय में सरकार को घेरने की कोशिश की है जब 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट से जीत मिल चुकी है सरकार पर दबाव बनाने के लिए दोबारा सड़क पर उतरे हुए हैं। अभ्यर्थियों ने सोमवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और मंगलवार को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल के घर के बाहर बड़ी संख्या में प्रदर्शन किया।
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि शिक्षकों को यह आश्वासन दिया गया कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का सरकार द्वारा पूर्णरूप से अनुपालन किया जायेगा और उसके तहत नियुक्ति पत्र जारी किये जायेंगे। इस आश्वासन को देने के बाद अभी तक नियुक्ति पत्र जारी ना करना यह उनके साथ अन्याय है। सरकार इस पर अमल करे।
मायावती के साथ ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी लगातार सरकार पर हमले कर रहे हैं। अखिलेश यादव का आरोप है कि पिछड़े दलित अभ्यर्थियों का हक मारने की सरकार ने पूरी कोशिश की है। हाईकोर्ट के आदेश पर पिछड़े और दलित अभ्यर्थियों को न्याय मिला है लेकिन सरकार उन्हें न्याय नहीं देना चाहती है। कंप्यूटर से तीन घंटे में नई मेरिट लिस्ट जारी कर नियुक्ति पत्र दिया जा सकता है। इसके बाद भी सरकार तीन महीने का समय मांग रही है।
सोमवार को अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास के बाहर प्रदर्शन किया तो पांच अभ्यर्थियों को बुलाकार वार्ता की। अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम से हाईकोर्ट के आदेश का पालन कर जल्द नई सूची जारी कर नियुक्ति पत्र दिये जाने की मांग की। उन्होंने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन सरकार कर रही है। सरकार जल्द शिक्षकों की नई सूची जारी करेगी।
कोर्ट के आदेश के 15 दिन बाद भी नहीं हुआ कुछ
अभ्यर्थी अमरेन्द्र पटेल ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के 15 दिन बात भी नई सूची जारी नहीं की गई है। निदेशालय के अधिकारी अभ्यर्थियों को गोलमोल जवाब दे रहे हैं। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की सरकार से मांग है कि भर्ती से जुड़े दागी अधिकारियों को तत्काल हटाकर नए अधिकारी नियुक्त करें। सरकार कोर्ट के आदेश का पालन करके पुरानी सूची रद्द कर तीन महीने के अंदर आरक्षण नियमों का पालन कर नई सूची जारी नियुक्ति पत्र जारी करे।