यूपी की एटीएस ने फर्जी स्टाम्प पेपर और टिकट छापने वाले गिरोह शिकंजा कसा है। एटीएस ने गिरोह के दो और सदस्यों नवाब उर्फ आरजू उर्फ लालू और उसके साथी राजू कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया है। ये गिरफ्तारी गोरखपुर से की गई है। दोनों बिहार के सीवान के रहने वाले हैं। नवाब पर 25 हजार रुपये इनाम था। वह काफी समय से फरार चल रहा था। ये गिरोह फर्जी स्टाम्प पेपर की बिक्री बिहार, यूपी और दिल्ली में करता था। दोनों के पास करीब सात लाख रुपये के फर्जी स्टांप, 72 हजार रुपये के फर्जी टिकट, एक कार व तीन मोबाइल फोन भी मिले हैं। गोरखपुर से कुछ समय पहले इस गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था।
एटीएस के आईजी नीलाब्जा चौधरी के मुताबिक, ये गिरोह पिछले काफी समय से बिहार से नेटवर्क चला रहा है। बिहार में ही फर्जी स्टाम्प पेपर व टिकट छापे जा रहे थे। इसकी सूचना पर ही एटीएस सक्रिय हुई थी। दो दिन पहले पता चला था कि नवाब आरजू अपने कुछ साथियों के साथ फर्जी स्टाम्प पेपर को बेचने के लिए रविवार को गोरखपुर पहुंचने वाला है। नवाब इससे पहले भी इसी फर्जीवाड़े में जेल जा चुका है।
यूपी के 12 लोग इसके सम्पर्क में
एटीएस को यह भी पता चला कि इस गिरोह के सम्पर्क में यूपी के 12 लोग हैं। इनकी मदद से ही यहां पर गिरोह ने नेटवर्क फैला लिया है। इस नेटवर्क के बारे में दोनों आरोपितों से लम्बी पूछताछ की गई है। दावा किया जा रहा है कि कुछ और तथ्य हाथ लगते ही इन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की जायेगी।
गिरोह के ये लोग जेल में
कमरूद्दीन, साहबजादे, ऐश मोहम्मद, रविन्द्र दीक्षित, नन्दलाल प्रसाद और सन्तोष गुप्ता। इन लोगों को फर्जी स्टाम्प पेपर की सप्लाई करने के आरोप में गोरखपुर के कैंट में पकड़ा गया था। नवाब और राजू के खिलाफ गोरखुपर में मुकदमे दर्ज है। इससे पहले भी ये लोग 10 लाख रुपये के फर्जी स्टाम्प पेपर के साथ सिवान, बिहार में गिरफ्तार हुए थे।