सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) जब पहली बार पत्नी अंजलि से मिले तो उनकी उम्र सिर्फ 17 साल थी. अंजलि उनसे उम्र में 6 साल बड़ी थीं. अंजलि ने बॉम्बे एयरपोर्ट पर सचिन को देखा और फिर अपने एक दोस्त के जरिये उनका नंबर हासिल कर लिया. दोनों के बीच बातचीत होने लगी. हालांकि न तो सचिन और न ही अंजलि के घर वालों को इस प्रेम कहानी के बारे में कुछ पता था. अंजलि तेंदुलकर (Anjali Tendulkar) की मां और चर्चित सोशल वर्कर एन्नाबेल मेहता (Annabel Mehta) ने हाल ही में वेस्टलैंड बुक्स से प्रकाशित अपनी आत्मकथा ‘माई पैसेज टू इंडिया’ (My Passage to India) में सचिन तेंदुलकर और अंजलि की लव स्टोरी पर विस्तार से लिखा है.
एन्नाबेल मेहता लिखती हैं कि 1991 की एक दोपहर मेरे घर के लैंडलाइन की घंटी बजी. दूसरी तरफ एक महिला थी. उसने कहा- क्या अंजलि मेहता से बात हो सकती है? मैंने जवाब दिया- वो तो घर पर नहीं है. कुछ जरूरी है तो मुझे बता दें. महिला ने कहा, ‘मिस्टर तेंदुलर, अंजलि से बात करना चाहते हैं…’ इसके बाद फोन कट गया. अंजलि जब घर लौटी तो मैंने उसे फोन के बारे में बताया. उसने प्रैंक कॉल बताते हुए बात टाल दी. हालांकि वह सच नहीं बता रही थी. वो और सचिन करीब सालभर से डेट कर रहे थे.
कैसे शुरू हुआ रिश्ता?
एन्नाबेल मेहता लिखती है कि अंजलि और सचिन तेंदुलकर के बीच रिलेशनशिप सितंबर 1990 में बॉम्बे एयरपोर्ट से शुरू हुआ. अंजलि, एक दोस्त के साथ मुझे एयरपोर्ट रिसीव करने आई थीं. वो लोग गैलरी में इंतजार कर रहे थे. अचानक उनकी निगाह इंडियन क्रिकेट टीम पर पड़ी, जो हीथ्रो से लौट रही थी. अंजलि ने घुंघराले बाल वाले एक लड़के की तरफ इशारा करते हुए अपनी दोस्त अपर्णा से से पूछा-वह कौन है? जवाब मिला. अंजलि, सचिन को निहारती रहीं. सचिन की नजर भी उनसे मिली. इस घटना से ठीक पहले 14 अगस्त को सचिन ने मैनचेस्टर में अपना पहला पहला टेस्ट शतक ठोका था.
एन्नाबेल मेहता की आत्मकथा.
कार की बोनट पर कूद पड़ीं अंजलि
एन्नाबेल मेहता लिखती हैं कि उस वक्त तक अंजलि को सचिन (Sachin Tendulkar)तो क्या किसी क्रिकेटर का नाम नहीं पता था. इस घटना के दो साल बाद मैंने अखबार में एक खबर पढ़ी कि सचिन जब मुंबई एयरपोर्ट से निकलने लगे तो लड़कियों के एक झुंड ने उन्हें घेर लिया और यहां तक कि उनकी टैक्सी के बोनट पर बैठ गईं. उस वक्त मुझे जरा भी अंदाजा नहीं था कि उनमें एक मेरी भी बेटी है, जो मेडिकल स्टूडेंट थी. अंजलि के एक या दो बॉयफ्रेंड रहे थे लेकिन कोई सीरियस रिलेशनशिप नहीं था. सचिन को लेकर उसका जुनून अलग तरह का था.
डेटिंग से शादी का फैसला
पहली मुलाकात में ही सचिन तेंदुलकर ने अंजलि से साफ कर दिया था कि वह उसकी पहली गर्लफ्रेंड हैं और आखिरी भी. कुछ वक्त बाद दोनों ने शादी का फैसला कर लिया. हालांकि सचिन तब तक शादी के लिए कानूनी 21 साल की उम्र तक नहीं पहुंचे थे. उनकी उम्र 19 साल थी और अभी दो साल इंतजार करना था. एन्नाबेल लिखती हैं कि मैंने अंजलि और सचिन से कहा कि दोनों एक दूसरे को डेट कर रहे हैं, यह बात सीक्रेट रहेगी. अगले दो साल सचिन क्रिकेट में रम गए और अंजलि जेजे हॉस्पिटल में. सचिन के बड़े भाई अजीत ने अंजलि की उसके माता-पिता से मुलाकात करवाई. सचिन के पिता रमेश जाने-माने मराठी साहित्यकार और प्रोफेसर थे. वहीं, उनकी मां रजनी एलआईसी के लिए काम किया करती थीं. वह ज्यादातर मराठी ही बोलतीं. उनके पिता अंग्रेजी में बात करते थे.
21वें जन्मदिन पर हुई एंगेजमेंट
सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) 24 अप्रैल 1994 को 21 साल के हुए. इसी दिन उनकी अंजलि से सगाई हुई. एन्नाबेल मेहता लिखती हैं कि हमारे घर पर दोनों की एंगेजमेंट हुई. उस कार्यक्रम में सिर्फ 25 लोगों को न्योता दिया गया. सगाई के बाद जब प्रेस को आधिकारिक तौर पर जानकारी दी गई तो मीडिया के लोग जैसे पागल हो गए. वो ढूंढने लगे कि आखिर अंजली मेहता है कौन? उनके पास अंजलि की कोई लेटेस्ट फोटो नहीं थी. ज्यादातर ने अंजलि की एक पासपोर्ट साइज फोटो छापी, जो उसने सेंट जेवियर में दाखिले के दौरान खिंचवाई थी.
शादी से पहले क्यों परेशान हो गईं अंजलि की मां?
एन्नाबेल मेहता लिखती हैं कि उस समय तक सचिन का परिवार बांद्रा में एक छोटे से फ्लैट में रहता था, जहां प्राइवेसी नाम की कोई चीज नहीं थी. जबकि अंजलि शुरू से साउथ मुंबई के पॉश इलाके में रही थी. उसका अपना अलग कमरा था और प्राइवेसी की अहमियत समझती थी. जब दोनों की एंगेजमेंट हुई तो मुझे यह चिंता सताने लगी कि शादी के बाद वह उस छोटे से फ्लैट में कैसे एडजस्ट करेगी? उसकी प्राइवेसी का क्या होगा? लेकिन शादी से ऐन पहले जब सचिन ने उसी बिल्डिंग में अपने माता-पिता के फ्लैट के ठीक नीचे नया फ्लैट लिया तो मेरी चिंता दूर हो गई.
क्यों नहीं हो पाई ताज होटल में शादी?
एन्नाबेल मेहता लिखती हैं कि अंजलि और सचिन (Sachin Tendulkar) की शादी के लिए 24 मई 1995 की तारीख तय हुई. जब शादी की तारीख करीब आई तो हम जगह तलाशने लगे. हमारे दिमाग में सबसे पहले ताजमहल होटल का नाम आया, लेकिन वहां निराशा हाथ लगी. वजह- उन दिनों ताजमहल के अंदर रश्मों-रिवाज के दौरान किसी भी तरह की आग जलाने की अनुमति नहीं थी. हिंदू रीति-रिवाज में यह बहुत जरूरी था. वहां हमारी बात नहीं बनी. इसके बाद हमारे एक दोस्त ने वर्ली के नेहरू सेंटर का सुझाव दिया. हालांकि वहां भी पहले इस तरह का कार्यक्रम नहीं हुआ था, लेकिन उसके ऑनर तैयार हो गए.
हमने तय किया कि शादी में दोनों तरफ के सिर्फ 200 लोग शामिल होंगे. हालांकि सचिन के पिता का तर्क था कि उनका परिवार लंबा है और सिर्फ 100 लोगों से कैसे मैनेज होगा. जब दोनों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज पड़ा.
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FIRST PUBLISHED : September 1, 2024, 10:15 IST