निशानेबाज अवनि लेखरा ने पेरिस पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच डाला। उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच 1) स्पर्धा में स्वर्ण अपने नाम किया। ‘वंडर गर्ल’ अवनि पैरालिंपिक में दो गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। उन्होंने टोक्यो में भी गोल्ड पर निशाना लगाया था। अवनि के ऐतिहासिक प्रदर्शन पर भारत की स्टार शूटर मनु भाकर ने प्रतिक्रिया दी है। वह अवनि के ऐतिहासिक प्रदर्शन पर खुशी से फूली नहीं समाईं। मनु ने पेरिस ओलंपिक में दो ब्रॉन्ज हासिल किए थे।
एएनआई के मुताबिक, मनु ने कहा, ”अवनि की काफी प्रेरक यात्रा रही है। हमारे और भी पैरालंपियन की इंस्पायरिंग जर्नी है। जो भी उनकी चुनौतियां रही हैं, उनसे उभरकर, आगे आकर देश के लिए मेडल जीतना काफी साहस की बात है। हम सबको उनसे सीख लेनी चाहिए। मुझे गर्व है कि उन्होंने हमारी शूटिंग से ही इतना अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने लगातार दूसरा गोल्ड मेडल जीता है, जो बेहद गर्व की बात है। उन्हें शुभकानामएं। हम सब बहुत खुश हैं।”
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अवनि ने 249.7 का स्कोर करके अपना ही 249.6 का पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त किया। वहीं, भारत की मोना अग्रवाल ने 228 . 7 के स्कोर के साथ इस स्पर्धा का कांस्य पदक जीता। भारत के पैरालंपिक इतिहास में पहली बार दो निशानेबाजों ने एक ही स्पर्धा में पदक जीते हैं। बता दें कि अवनि पैरालंपिक से पहले स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। उनकी पित्त की थैली की सर्जरी हुई जिसकी वजह से उन्हें डेढ महीने ब्रेक लेना पड़ा था।
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11 वर्ष की उम्र में कार दुर्घटना में कमर के नीचे के हिस्से में लकवा मारने के कारण अवनि व्हीलचेयर पर निर्भर हैं। वह टोक्यो पैरालंपिक में निशानेबाजी में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला निशानेबाज बनी थीं। एसएच 1 वर्ग में वे खिलाड़ी होते हैं जिनकी बाजुओं, कमर के निचले हिस्से , पैरों में विकृति होती है या उनकी बाजू नहीं होती है।