यूपी की योगी सरकार ने संस्कृत छात्रों को संशोधित दर से छात्रवृत्ति भुगतान के लिए शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया। इसके अनुसार वर्ष 2024-25 में इसका भुगतान आफलाइन ही किया जाएगा। अगले वित्तीय वर्ष (2025-26) से इसके लिए समाज कल्याण विभाग के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा। छात्रवृत्ति के लिए नई नियमावली बनाई जाएगी। इसके लिए निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है।
अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित छात्रवृत्ति योजना की पारदर्शी आनलाइन प्रक्रिया को संस्कृत छात्रवृत्ति योजना में लागू करने के लिए समाज कल्याण विभाग के आनलाइन पोर्टल में अलग से विंडो बनाया जाए। इसके लिए एनआईसी को अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था के लिए वेतन के मद में प्रतिवर्ष 50 लाख रुपये की अतिरिक्त बजट व्यवस्था कराई जाए। छात्रवृत्ति की पूरी प्रक्रिया के लिए एक समय सारिणी भी निर्धारित की जाए, जिसमें आवेदन से लेकर छात्रवृत्ति खाते में ट्रांसफर करने तक की अंतिम तिथि निर्धारित की जाए।
शासनादेश के अनुसार संशोधित संस्कृत छात्रवृत्ति योजना संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों व महाविद्यालयों में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं के लिए होगी। इसमें केवल 50 प्रतिशत न्यूनतम प्राप्तांक व 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी। छात्रवृत्ति की पहली किस्त दशहरा से पहले और दूसरी किस्त दीपावली के बाद दी जाएगी। शासनादेश में छात्रवृत्ति की नियमावली तैयार करने तथा समाज कल्याण विभाग के छात्रवृत्ति पोर्टल पर उपयोग करने के लिए समाज कल्याण विभाग व एनआईसी से समन्वय स्थापित करने के लिए एक समिति गठित की गई है। इसमें निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) अध्यक्ष होंगे।
अपर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक), वित्त नियंत्रक (माध्यमिक) व उप शिक्षा निदेशक (संस्कृत) सदस्य होंगे। संस्कृत शिक्षा परिषद के सचिव इस समिति के सदस्य सचिव होंगे। नियमावली में जनपद स्तरीय समिति का भी प्रावधान होगा, जिसके अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे। इसमें मुख्य विकास अधिकारी, राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य व कोषाधिकारी सदस्य होंगे, जबकि जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य सचिव होंगे। आनलाइन प्रक्रिया में विलंब की संभावना को देखते हुए इस वर्ष यह छात्रवृत्ति आफलाइन ही दी जाएगी।