जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते राज्य में सियासी पारा हाई हो गया है। बीजेपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) समेत कई अन्य दलों ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। बाकी सीटों के प्रत्याशियों के नाम आना अभी बाकी है। इस बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान सामने आया है।
बीजेपी की कम करनी हैं सीटें
विधानसभा चुनाव लड़ने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य बीजेपी के खिलाफ एकजुट मोर्चा पेश करना और उनकी सीटों को कम से कम करना है। एनसी उपाध्यक्ष ने कहा कि जम्मू में पीर पंचाल और चिनाब सहित गठबंधन की निश्चित रूप से जरूरत थी। उन्होंने कहा, ‘हमारा प्रयास बीजेपी के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाने का है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वे कम से कम सीटें जीतें।’
हमने किसी सिद्धांत का त्याग नहीं किया
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा, ‘हमने किसी भी सिद्धांत का त्याग नहीं किया है। हम जो लड़ाई लड़ने जा रहे हैं, उसमें विधानसभा की अपनी भूमिका है। मैं लोगों से क्या कहूं कि उन्हें विधानसभा में वोट देना चाहिए और अपने नेताओं का चुनाव करना चाहिए? लेकिन मैं इस विधानसभा में विश्वास नहीं करता हूं।’
परिवारवाद के सवाल पर क्या बोले अब्दुल्ला?
परिवारवाद के सवाल पर एनसी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जो लोग मुझ पर ये आरोप लगा रहे हैं। उनके खुद के रिश्तेदार चुनाव लड़ रहे हैं। अगर वे अपने सिद्धांतों पर इतने सख्त हैं, तो उन्हें इससे पूरी तरह बाहर होना चाहिए था। अपने रिश्तेदारों को उम्मीदवार बनाकर खुद बाहर रहने का क्या फायदा है?
जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। पहले चरण का चुनाव 18 सितंबर, दूसरे चरण का चुनाव 25 सितंबर और तीसरे चरण का चुनाव 1 अक्टूबर को है। वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है।