सात साल के बाद अयोध्या में जमीन के सर्किल रेट में बढ़ोतरी होने जा रही है। गुरुवार को डीएम ने प्रस्तावित सर्किल रेट की सूची जारी की और लोगों से सुझाव मांगे। प्रस्तावित दरें अगस्त 2017 से लागू मौजूदा दरों से डेढ़ से दो गुना अधिक बताई जा रही हैं। ऐसे में अयोध्या के प्रमुख स्थानों पर जमीन की कीमतें डेढ़ से दो गुना महंगी हो सकती है। डीएम ने सुझाव प्राप्त करने की अंतिम तिथि 4 सितंबर तक रखी है। इसके बाद ही दरों को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अयोध्या में सर्किल रेट में सात साल से संशोधन नहीं किया गया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद से अयोध्या में जमीन के लेन-देन में उछाल आया है और जमीन का बाजार मूल्य बढ़ गया है। अयोध्या में जमीन लेने की होड़ लग गई।
अयोध्या उत्तर प्रदेश के उन 54 जिलों में से एक है, जहां सर्किल रेट को आखिरी बार 2017 में संशोधित किया गया था। 21 जिलों में इसे 2023 में संशोधित किया गया था। अयोध्या से सटे जिलों जैसे बाराबंकी, अंबेडकर नगर, गोंडा और बस्ती और सुल्तानपुर में भी दरों को संशोधित किया गया था। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले 2022 में स्थानीय प्रशासन ने सर्किल दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था लेकिन इसमें इजाफा नहीं किया गया।
क्या होता है सर्किल रेट
जब भी आप कोई जमीन खरीदते हैं या किसी जमीन को अपने नाम पर ट्रांसफर कराते हैं। तब उसके लिए आपको उस जमीन का रजिस्ट्री करवानी पड़ती हैं। तब रजिस्ट्री करवाते समय आपको सरकार को रजिस्ट्री चार्ज और स्टाम्प शुल्क देना पड़ता हैं। इस शुल्क की गणना जमीन के सर्किल रेट पर की जाती हैं। किसी जमीन का सर्किल रेट क्या होगा। यह सरकार या वहां की स्थानीय विकाश प्रधिकरण द्वारा तय किया जाता हैं। जो जमीन के विभिन्न कारकों पर निर्भर करता हैं। सर्किल रेट एक ही एरिया में अलग–अलग हो सकते हैं। यह रेट समय के अनुसार बदलती भी रहती हैं।