अनपरा, संवाददाता। रिहंद-ओबरा जल विद्युतगृहों से गुरुवार को उत्पादन शुरू हो गया। बुधवार को जलाशय का जलस्तर बढ़ने पर सात गेट खोल दिए गए थे। करीब 24 घंटे बाद हरकत में आए यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (यूपीएसएलडीसी) ने 399 मेगावाट (रिहंद की 50 मेगावाट की छह और ओबरा की 33 मेगावाट की कुल तीन इकाइयां) क्षमता की कुल नौ इकाइयों से रिकार्ड नौ मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन कराया। सिस्टम कंट्रोल के मुताबिक 300 मेगावॉट के रिहंद बिजलीघर की सभी आधा दर्जन इकाइयों ने 6.995 मिलियन यूनिट (पीक 295 मेगावाट ) तथा ओबरा जल विद्युतगृह ने कुल 2.057 मिलियन यूनिट (पीक 87 मेगावाट ) उत्पादन किया। उधर, ऊर्जांचल सिविल सोसायटी का आरोप है कि अगस्त के पहले हफ्ते में रिहंद जलाशय का जलस्तर 850 फीट से ऊपर था। पहले पखवाड़े में यह 860 फीट के पार हो गया। बावजूद इसके यूपीएसएलडीसी ने रिहंद-ओबरा की बिजली इकाइयां नहीं चलवाई। इससे सस्ती बिजली पानी में बह गई। प्रदेश को 0.66 रुपये प्रति यूनिट की दर से सर्वाधिक सस्ती बिजली का उत्पादन नहीं कर के करोड़ों रुपये का आर्थिक नुकसान किया।