केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के सचिव का नाम लेकर राज्यों के विद्युत विभागों के प्रमुखों को फोन करने का मामला सामने आया है। फोन करने वाला खुद को सचिव बताकर विभाग की गोपनीय जानकारी लेने की कोशिश कर रहा था। हालांकि, शक होने पर पूरा मामला सामने आ गया। विद्युत मंत्रालय के सचिव की शिकायत पर दिल्ली के संसद मार्ग थाने में मामला दर्ज किया गया है।
जानकारी के अनुसार, वरिष्ठ आईएएस पंकज अग्रवाल विद्युत मंत्रालय में सचिव के पद पर तैनात हैं। उन्होंने 30 जुलाई को संसद मार्ग थाने में शिकायत दी थी कि कोई शख्स उनके नाम का दुरुपयोग कर रहा है। दरअसल, एक शख्स ने खुद को विद्युत सचिव बताते हुए उत्तर प्रदेश के पावर कॉरपोरेशन चेयरमैन को फोन किया था। उसने बिजली खपत से जुड़ी जानकारी मांगी थी। शक होने पर चेयरमैन ने फोन पर विद्युत सचिव बने शख्स से जानकारी पता करने के लिए थोड़ा समय मांगा। इसके बाद उन्होंने मंत्रालय में फोन किया तो जालसाजी का पता चला।
सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग : मामले की जांच करते हुए पुलिस द्वारका के स्टोर पर पहुंची। वहां सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में सिम कार्ड लेते हुए दो शख्स दिखाई दिए। ठगों ने सिम कार्ड लेने के लिए वैकल्पिक नंबर दिया था, वह भी फर्जी दस्तावेजों पर जारी हुआ था। इस बीच फुटेज में दिखाई दिया कि ठगों के पीछे खड़े एक बुजुर्ग सिम कार्ड लेने के लिए आए थे। बुजुर्ग के पास मोबाइल फोन नहीं था और उन्होंने युवकों से बेटी से बात कराने के लिए निवेदन किया। इसके बाद पुलिस ने बुजुर्ग की बेटी के मोबाइल नंबर का पता किया और फिर सीडीआर खंगाली। इससे आरोपी का मोबाइल नंबर मिल गया।
इसके सहारे संसद मार्ग पुलिस बिहार के खगड़िया जिले में पहुंची। वहां से सिम कार्ड खरीदने वाले शख्स कामेश्वर को गिरफ्तार किया और पूछताछ में मालूम हुआ कि फोन करने वाला शख्स कोलकाता में है। अब टीम कोलकाता रवाना हो गई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दूसरे शख्स ने ही फर्जी पहचान पत्र आदि बनाया था।
फर्जी सिम लिया
पुलिस ने इस संबंध में केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच में सामने आया कि द्वारका के स्टोर से जारी मोबाइल से फोन किया गया था। आरोपी ने विद्युत सचिव के नाम पर फर्जी पहचान पत्र बनाकर सिम लिया था और फोन कोलकाता से किया गया था।