यूपी की राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के छह राज्य विश्वविद्यालयों ने नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल किया है। चार विश्वविद्यालयों ने नैक मूल्यांकन में ए प्लस ग्रेड हासिल किया है। आज से साढ़े तीन साल पहले एमएमएमयूटी नैक मूल्यांकन में ए ग्रेड हासिल करने वाला उत्तर प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बना था। इसके अलावा यूजीसी ने उत्तर प्रदेश के चार विश्वविद्यालयों को केटेगरी -1 में शामिल किया है। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों ने पहले नैक मूल्यांकन और अब एनआईआरएफ रैंकिंग में भी टॉप -100 में स्थान बनाया है। अब वर्ल्ड रैंकिंग में स्थान बनाना लक्ष्य है। प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों को अब वर्ल्ड रैंकिंग में लाना है, यह लाकर रहेंगे। कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल गुरुवार को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 9वें दीक्षांत समारोह को बतौर अध्यक्ष संबोधित कर रही थीं। अपने 35 मिनट के संबोधन में उन्होंने छात्र-शिक्षक, समाज, देश के हर पहलू को छूते हुए देश की प्रगति के लिए समर्पित रहने का आह्ववान किया।
आनंदीबेन ने कहा कि पहले लोग सोचते थे कि उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा में कुछ नहीं हो सकता। प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने का भी विचार नहीं आता था। किसानों से मुलाकात होने पर वे उन्नत तकनीक नहीं होने की बात करते थे। कुलपति, छात्र-शिक्षकों से भी बात होती थी। सभी ने मिलकर वैज्ञानिक तरीके से प्रयास किया। विचार परिवर्तन किया कि ये हो सकता है। उसके बाद न सिर्फ प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया बल्कि सफलता भी प्राप्त की। पूरे देश में करीब 8000 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। उनमें से एमएमएमयूटी ने 84वां स्थान प्राप्त किया। देश में सभी विश्वविद्यालयों के बीच एमएमएमयूटी ने 94वां स्थान हासिल किया। देश में कुल 10585 राज्य विश्वविद्यालयों के बीच एमएमएमयूटी ने 40वां स्थान हासिल किया। सभी ने मिलकर पूरी इच्छाशक्ति से काम किया, उससे यह संभव हुआ।
कुलाधिपति ने कहा कि आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे संस्थान रिसर्च के लिए स्थापित हुए हैं। उनके लिए केंद्र सरकार का बजट बड़ा होता है। राज्य विश्वविद्यालयो को अपने बल पर उपलब्धि हासिल करनी है। आपने करके दिखाया है। डिग्री के बाद अब अंक पत्र भी डिजीलॉकर पर आ गए। अब विदेशों में भी काम कर रहे छात्र-छात्राओं को अपने प्रमाणपत्रों के लिए विश्वविद्यालय नहीं आना होगा। वे वहीं से डाउनलोड कर सकेंगे। एमएमएमयूटी ने समर्थ पोर्टल पर न सिर्फ प्रवेश, परीक्षा परिणाम, डिग्री और सेलरी तक का ब्योरा डाल दिया है। समर्थ से नियमितता और पारदर्शिता आई है।
आजादी के 100वें वर्ष पूर्ण होने तक विकसित भारत के लिए छात्र करें प्रयास
कुलाधिपति ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लिया है। विकसित भारत के लिए छात्रों की जिम्मेदारी सबसे महत्वपूर्ण है। आपको विकसित भारत बनाना है। आपको ऐसा भारत बनाना है, जहां किसान, मजदूर, महिलाएं, गरीब सभी वर्ग खुशहाल हो। भारत अकेला देश है, जहां युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। हमारे पास ताकत है। इस ताकत का उपयोग करने का यह सही समय है। दूसरों की मदद के लिए, किसानों की तरक्की के लिए नए तकनीक विकसित कीजिए।
नौकरी करने वाले नहीं रोजगार देने वाले बनें
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि नौकरी के बारे में मत सोचिए। रोजगार देने वाला बनने क लिए प्रयास कीजिए। आज से 10-15 साल पहले तक महिलाएं घरों से नहीं निकलती थीं। अब स्वयं सहायता समूहों के जरिए महिलाएं भी रोजगार दे रही हैं। यह संकल्प शक्ति से संभव हुआ।
प्रयास करने पर ही ईश्वर भी मदद करते हैं
कुलाधिपति ने कहा कि लक्ष्य तय कर वहां पहुंचने का प्रयास करेंगे तो ईश्वर भी आपकी मदद करेंगे। नैक मूल्यांकन में अच्छा प्रदर्शन करने वाले उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों को केंद्र की पीएम उषा योजना के तहत कुल 760 करोड़ रुपये इस वर्ष दिए गए हैं। एनआईआरएफ रैंकिंग में आने की कोशिशों के तहत ही लखनऊ विश्वविद्यालय देश के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में शामिल हुआ है। बरेली विश्वविद्यालय भी 100-150 के बैंड में एनआईआरएफ में आया है। यह बड़ी उपलब्धि है।
आंगनवाड़ी के बच्चे मेरे प्रिय : कुलाधिपति
कुलाधिपति ने कहा कि आंगनवाड़ी में पढ़ने वाले बच्चे मेरे बहुत प्रिय हैं। गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी, तभी भारत विकसित होगा। सभी का फर्ज है कि कुछ न कुछ बच्चों को देने का प्रयास करें। मैं सबसे ज्यादा ध्यान आंगनबाड़ी को दे रही हूं। एमएमएमयूटी के जरिए भी कुशीनगर जिले के 200 आंगनवाड़ी केंद्रों को किट उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें 100 विश्वविद्यालय ने अपने संसाधन से जुटाए हैं। कुल 100 किट कुशीनगर जिला प्रशासन दे रहा है। उन्होंने मंच से कुशीनगर की 20 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को किट भी प्रदान किया।
इंडस्ट्री की जरूरतों के हिसाब से हो पाठ्यक्रम
कुलाधिपति ने कहा कि इंडस्ट्री की जरूरतें अलग हैं और संस्थानों में कुछ और पढ़ाई होती है। कोई इंडस्ट्री छात्रों को हायर भी करती है तो छात्र वहां से परिपक्व होने के बाद कंपनी बदल देते हैं। इसलिए कंपनियां कैंपस प्लेसमेंट में उतनी रुचि नहीं दिखातीं। शिक्षण संस्थानों को ही अपने विद्यार्थियों को दक्ष करने की जिम्मेदारी उठानी होगी। इंडस्ट्री की जरूरतों के हिसाब से न सिर्फ पाठ्यक्रम संचालित करें, बल्कि तैयार भी करें।
आपकी सफलता में माता-पिता का भी योगदान
कुलाधिपति ने कहा कि सभी छात्र-छात्राओं की सफलता में माता-पिता का भी योगदान है। सफल होने के बाद अपने माता-पिता को कभी न भूलें। हमेशा याद रखें कि वही बिल्डिंग टिकती है, जिसका फाउंडेशन मजबूत होता है। माता-पिता ने आपको जो संस्कार और शिक्षा दी है, हमेशा देश-समाज के हित में उसका उपयोग करें। उन्होंने दहेज की कुप्रथा पर तंज कसते हुए दहेज को त्यागने की अपील की।