पश्चिम बंगाल रेप कांड के बाद अस्पतालों को लेकर यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने निर्देश दिया है कि चिकित्सा संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में आवाजाही को ध्यान में रखते हुए सिक्योरिटी ऑडिट कराई जाए और प्रवेश पास भी बनाया जाएगा। यह सुनिश्चित कराया जाए कि सभी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे चालू हों और परिसर में लाइट की समुचित व्यवस्था हो। बड़े संस्थानों में किसी भी कोने में अंधेरा न रहे। माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में घटित घटना के बाद सुरक्षा की दृष्टि से यह निर्देश दिया गया है। उन्होंने सिपाही भर्ती परीक्षा नकलविहीन कराने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने बुधवार को मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों की बैठक में कहा कि पुलिस और चिकित्सा संस्थान में बेहतर समन्वय होना चाहिए। किसी भी प्रकार की घटना घटित होने पर स्थानीय पुलिस कार्रवाई करे। अस्पतालों में स्ट्रेचर व व्हीलचेयर्स की पर्याप्त उपलब्धता हो। उन्होंने कहा कि सिपाही भर्ती परीक्षा तीन दिनों में छह पालियों में अच्छी तरह से घटनामुक्त रही है। आगामी 30 व 31 अगस्त को होने वाली परीक्षा को नकलविहीन, निष्पक्ष, पारदर्शी व घटनामुक्त संपन्न कराया जाए।
उन्होंने कहा कि ट्रेजरी कक्ष के अंदर और बाहर सभी कैमरे 24 घंटों सातों दिन चालू हालात में रहें। ट्रेजरी कक्ष की सीसीटीवी निगरानी पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा की जा रही है। कैमरे किसी भी समय बंद न हो इसके लिए जनरेटर या इनवर्टर की व्यवस्था रहे। प्रश्नपत्रों की निकासी के समय जिलाधिकारी उपस्थित रहें, ताकि वही सेट निकले जो भर्ती बोर्ड द्वारा बताया गया है। पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहा कि शासन द्वारा भर्ती परीक्षा को फुल प्रूफ व लीक प्रूफ कराने का निर्णय लिया गया है, इसमें सभी को सहभागिता करनी है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि पुलिस भर्ती के बारे में जारी एसओपी का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। बड़े शहर हैं, जहां बड़ी संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित होंगे और रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन व मेट्रो स्टेशन आदि पर अत्यधिक सतर्कता बरती जाए।
अस्पतालों में प्रवेश के बनेगा पास
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थसारथी सेन शर्मा ने कहा कि अस्पतालों में प्रवेश के लिए पास सिस्टम बनाया जाए। पार्किंग व्यवस्था को बेहतर किया जाए। आउटसोर्सिंग कर्मी का पुलिस वेरीफिकेशन कराया जाए और संदिग्ध मिलने पर नौकरी से हटाया जाए। पॉश कमेटी की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाए।