मनु भाकर के साथ मिलकर भारत को मिश्रित निशानेबाजी स्पर्धा में पहला ओलंपिक दिलाने वाले सरबजोत सिंह ने शनिवार को कहा कि उन्हें अपनी स्पर्धा से पहले एक साथ ट्रेनिंग करने का बमुश्किल ही मौका मिला था। मनु और सरबजोत ने पेरिस ओलंपिक की 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम निशानेबाजी स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। सरबजोत ने कहा, ‘‘मेरी ट्रेनिंग नौ बजे होनी थी और उसकी 12 बजे। दोनों की ट्रेनिंग अलग अलग। मिश्रित ट्रेनिंग सत्र 30 मिनट तक रहा जिसके पहले वह अलग से ट्रेनिंग करती थीं और मैं अलग से।’’
एक-दूसरे का उड़ाते थे मजाक
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी बातचीत आमतौर पर संक्षिप्त रही जिसमें बातें ‘अपना शत प्रतिशत देना है’ बस यहीं तक सीमित रहती।’’ सरबजोत ने याद करते हुए कहा, ‘‘कभी कभी मैं उसका मजाक उड़ाता था तो कभी-कभी वह मेरा मजाक उड़ाती थी।’’ सरबजोत ने तुकी के निशोबाज यूसुफ डिकेच के मुरीद हैं। हरियाणा के धीन गांव के 22 वर्षीय सरबजोत ने प्यूमा इंडिया को लंबे समय के उनके प्रशंसक होने का खुलासा करते हुए कहा, ‘‘मैं 2011 से उनके (यूसुफ के) वीडियो देख रहा हूं। वह हमेशा से ऐसे ही रहे हैं। अब वह 51 साल के हैं। मैंने कोशिश की। फिर भी मैं उनके ‘परफेक्शन’ से मेल नहीं खा सका। अगर मुझे मौका मिलता तो मैं उनसे पूछता कि वह क्या खाते हैं?’’
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पिस्टल पर क्यों लिखा ये नाम?
सरबजोत ने कहा कि उनकी पिस्टल पर एससिंह30 लिखा हुआ है, जिसमें उनके नाम के पहले अक्षर और उनकी यात्रा की एक महत्वपूर्ण तारीख शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इसे कोई नाम नहीं दिया। जब मैंने हांग्झोउ में 2022 एशियाई खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया तो मैंने अपनी पिस्टल पर यह लिखवाया। यह मेरी सबसे अच्छी पिस्टल है क्योंकि मेरा पदक (स्वर्ण) 30 सितंबर को आया था और यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।’’ अंत में इस ओलंपिक पदक विजेता ने 2028 लॉस एंजिल्स खेलों के लिए अपने लक्ष्य के बारे में बताया और अपने चमचमाते हुए कांस्य पदक की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘एलए ’28’ में, इसका रंग बदलना है।’’