ओबरा, हिन्दुस्तान संवाद। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित आसपास के क्षेत्रों में लगातार कई दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण रिहंद व ओबरा बांध का जल स्तर अधिकतम स्तर के पास पहुंच जाने से बुधवार की सुबह दोनों के गेट खोल दिए गए। ओबरा बांध के तीन फाटक व रिहंद बांध का एक फाटक खोलकर पानी निकाला जा रहा है। सिंचाई विभाग की तरफ से सोन नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। ओबरा बांध का तीन फाटक पांच पांच फीट खोल दिए गए है।जिससे लगभग 15,700 क्यूसेक पानी निकाला जा रहा है। बांध की सुरक्षा को लेकर सिंचाई विभाग की पूरी टीम पल पल की निगरानी में जुटी हुई है। ओबरा बांध के अधिशासी अभियंता आर के खरे ने जानकारी देते हुए बताया कि ओबरा बांध का गेट नंबर आठ सोमवार की देर रात 12.24 पर ही खोला गया है। लेकिन भारी मात्रा में पानी की आवक को देखते हुए रिहंद बांध का जल स्तर 869.20 फीट तक पंहुचा गया है। जिससे रिहंद बांध का एक गेट नंबर सात बुधवार की सुबह लगभग 8.30 पर खोल दिए जाने के कारण लगभग 4740 क्यूसेक पानी ओबरा बांध के माध्यम से रेणु नदी से होते हुए सोन नदी में निकाला जा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए बुधवार की सुबह लगभग 6.40 पर ओबरा डैम का गेट नंबर छह तथा गेट नंबर चार को सुबह लगभग 9.05 मिनट पर पांच पांच फीट खोला गया है। जिससे कुल लगभग 15700 क्यूसेक पानी निकाला जा रहा है। बुधवार की सुबह लगभग साढ़े दस बजे ओबरा डैम का जल स्तर 192.89 मीटर है। पानी की भारी आवक को देखते हुए नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। लोगं को नदी में जाने से मना किया गया है। तटवर्ती क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगो को अति शीघ्र घर खाली कर अन्यंत्र जाने की सलाह दी गई है। ओबरा डैम में बाहरी पानी के आवक को देखते हुए निगरानी के लिए सिंचाई विभाग की टीम मौके पर डटी हुई है। डैम के जल स्तर पर पल पल की निगरानी की जा रही है। पानी की आवक बढ़ने पर और भी फाटक खुलने की संभावना जताई जा रही है। समाचार लिखे जाने तक ओबरा जल विद्युत की 33 मेगावाट की तीनो इकाइयों से कुल लगभग 87 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा था।