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UP LOK SABHA ELECTION 2024: मुख्तार अंसारी परिवार की नई सदस्य उनकी भतीजी नुसरत अब राजनीति के मैदान में उतरने जा रही हैं। बुधवार को खुद अफजाल अंसारी ने नुसरत का परिचय पार्टी कार्यालय में सपा और कांग्रेस नेताओं से कराया। अफजाल अंसारी ने जिस तरह से नुसरत का परिचय कराया और अपने केस के बारे में पार्टी नेताओं को जानकारी दी है, साफ हो गया है कि अगर अफजाल अंसारी को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलती तो नुसरत ही सपा से प्रत्याशी होंगी। भाजपा ने भी शायद इस बात को मान लिया है। भाजपा प्रत्याशी पारसनाथ राय के निशाने पर बुधवार को अफजाल की जगह उनकी बेटी नुसरत आ गईं। उन्होंने नुसरत के शिव मंदिर जाने और शिव चर्चा कीर्तन में शामिल होने पर तंज कसा है। अफजाल अंसारी के बाद वाली पीढ़ी में उनके दोनों भाइयों मुख्तार अंसारी और शिबगतुल्ला अंसारी के एक-एक बेटे राजनीति में आकर विधायक हैं। अफजाल को कोई बेटा नहीं है। तीनों बेटियां हैं। जिसमें नुसरत सबसे बड़ी है।
पिछले कुछ दिनों से पिता अफजाल अंसारी के लिए गाजीपुर की गलियों में वोट मांग रहीं नुसरत की फोटो और वीडियो खूब वायरल हो रहे थे। बुधवार को अफजाल ने बेटी का परियच कराते हुए कहा कि मेरा वकील मुझसे कहता है कि हमारा केस फिट है। 99.9 प्रतिशत फिट है। इससे फिट कोई केस हो ही नहीं सकता है। प्वाइंट एक प्रतिशत ऐसी कोई स्थिति पैदा हो जाएगी तो ऊपर वाले ने मेरे खाते में तीन बेटियां दी हैं। एक बेटी नुसरत यहां है।
प्रचार के मैदान में उतरते ही चर्चा में आईं नुसरत, देखिए वायरल तस्वीरें
कार्यकर्ताओं के बीच बैठी नुसरत को अफजाल ने पहले खड़े होने के लिए कहा। फिर अपने पास डायस पर बुला लिया। नुसरत ने हाथ जोड़कर सभी का अभिवादन किया। इसके बाद नुसरत की पढ़ाई के बारे में बताते हुए कहा कि देश के सबसे बढ़िया कॉलेजों में से एक दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज सोलापुर महाराष्ट्र से नुसरत ने एमए किया है। अफजाल ने बताया कि इनका विषय रूरल डेवलपमेंट है। अपने यूनिवर्सिटी में टॉपर और गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं। इन दिनों सिविल सेवा की तैयारी कर रही थी। यहां से निकल रही खबरों ने विचलित किया तो मेरी मदद के लिए आ गई।
दरअसल अफजाल जिस केस की बात कर रहे हैं उसमें उन्हें गाजीपुर की अदालत से चार साल की सजा सुनाई जा चुकी है। सजा सुनाते ही उनकी संसद सदस्यता भी चली गई थी। हाईकोर्ट में अपील की लेकिन राहत नहीं मिली तो अफजाल ने सुप्रीम में अपील दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी संसद सदस्यता कुछ शर्तों के साथ बहाल कर दी। उनको चुनाव लड़ने के योग्य भी करार दिया। इसके साथ ही इलाहाबाद हाइकोर्ट को 30 जून 2024 तक मामले का निस्तारण का आदेश दिया। हाइकोर्ट में 2 मई को सुनवाई है। यदि अफजाल अंसारी के हक में फैसला नही आता तो ऐसी सूरत में अफजाल चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो जाएंगे। गाजीपुर में फिलहाल अंतिम चरण में एक जून को वोटिंग है। 7 से 14 मई तक नामांकन होंगे।
नुसरत ही क्यों
अंसारी परिवार में अफजाल अंसारी तीन भाई हैं। सिगबतुल्ला, अफजाल और मुख्तार अंसारी। तीनों विधायक रहे हैं। सिगबतुल्ला और मुख्तार अंसारी के दो-दो बेटे हैं। अफजाल को तीनों बेटियां हैं। सिगबतुल्ला और मुख्तार अंसारी के एक-एक बेटे विधायक हैं। मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी मऊ सदर से विधायक है। सिगबतुल्ला अंसारी का बेटा सोएब अंसारी गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से विधायक है। यानी दोनों की राजनीतिक विरासत बेटों को सौंपी जा चुकी है। अब अफजाल ने बेटी को विरासत सौंपने की तैयारी की है। पांच बार विधायक और दो बार सांसद रहे अफजाल अंसारी की तीन बेटियों में नुसरत सबसे बड़ी हैं। छोटी और जुड़वा बेटियों नूरिया और मारिया की शादी हो चुकी है।
भाजपा के निशाने पर भी आ गईं नुसरत
एक तरफ अफजाल नुसरत का परिचय करा रहे थे तो दूसरी तरफ भाजपा ने भी मान लिया कि अब मुकाबला दूसरी पीढ़ी से है। ऐसे में गाजीपुर से भाजपा प्रत्याशी पारसनाथ राय के निशाने पर अफजाल की जगह उनकी बेटी नुसरत आ गई। नुसरत का बिना नाम लिए ही पारस नाथ ने उसके शिवलिंग पर मत्था टेकने, शिवचर्चा कीर्तन में जाने को लेकर तंज कस दिया।
पारसनाथ ने कहा कि मेरे सामने जो चुनाव लड़ रहे हैं (अफजाल अंसारी) के घर की कोई महिला भगवान शिव के मस्तक पर जल चढ़ा रही हैं। अरे यह क्या नाटक हो रहा है। जल चढ़ाने से पहले भगवान श्रीराम के मंदिर में जाकर पूजा करनी चाहिए। आप लोग भी यहीं के हैं। श्रीराम आपके भी आराध्य हैं।