गर्मी के मौसम में जितनी ठंडी हवा मिले उतना ही कम है. अब सुबह के समय से ही कड़ी धूप निकल आती है और हवा भी काफी गर्म होने लगी है. कुछ लोगों के घरों में पंखे से ही काम चलता है, वहीं कुछ घर ऐसे भी हैं जहां कूलर चलने लगा है. कूलर इस्तेमाल करने से पहले इन्हें तैयार कर लेना बहुत जरूरी होता है, नहीं तो ये कमरे को ठीक से ठंडा नहीं करते हैं. सर्दी के सीजन में इसे किसी कोने में रख दिया जाता है, या कुछ लोग ऐसे भी है जो इसे अच्छे से पैक कर देते हैं ताकि गर्मी तक इसका हाल बेहाल न हो जाए.
हर कोई चाहता है कि कूलर से ठंडी-ठंडी हवा मिले, और इसके लिए जरूरी है कि गर्मी में इसे इस्तेमाल करने से पहले अच्छे से तैयार कर लिया जाए.
ठंडी हवा के लिए सबसे जरूरी होती है कि इसकी घास. घास अगर सही न हो तो ठंडी हवा नहीं मिल पाती है. इसलिए जब सीजन में पहली बार कूलर लगाने की सोचें तो सबसे पहले ये देख लें कि इसकी घास की कंडिशन क्या है.
अगर घास पर पूरी तरह से धूल जम जाती है तो मतलब है कि इसमें से हवा का सर्कूलेशन ठीक से नहीं होगा, और अगर हवा घास में से अच्छे से आर-पार नहीं होगी तो कमरा ठंडा नहीं होगा.
कुछ लोग कूलर की घास 3-4 साल चलाते रहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. कूलर की घास को हर 2 सीजन में तो बदल ही लेना सही होता है.
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मात्र इतने दाम में मिल जाती है घास
आप देखें कि कूलर की घास काली पड़ गई है, और ये एकदम धूल से जाम हो गई है तो ये संकेत है कि घास को बदल दिया जाए. कूलर की घास आपको 80 रुपये से 100 रुपये के बीच मिल जाती है. हालांकि ऐसा हो सकता है कि आपके एरिया में कूलर की घास का दाम कुछ ज़्यादा या इससे कम हो.
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FIRST PUBLISHED : April 27, 2024, 14:51 IST