विदिशा: जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एसडीएम की कुर्सी और फर्नीचर तक कुर्क करने पड़े। दरअसल, जिले की एक अदालत ने एक उप-विभागीय दंडाधिकारी (SDM) की कुर्सी और अन्य आधिकारिक चल संपत्तियों को कुर्क किया है। बताया जा रहा है कि एसडीएम ने पिछले साल के अदालत के आदेश का पालन नहीं किया था, जिसमें 5 लोगों को मुआवजा देने का आदेश दिया गया था। ऐसे में कोर्ट के फैसले का पालन नहीं करने की वजह से एसडीएम की आधिकारिक चल संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया गया।
भूमि अधिग्रहण से जुड़ा मामला
दरअसल, इन पांच लोगों की जमीन 2011 में सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई थी। दिसंबर 2023 में, एक किसान सहित इन पांच लोगों ने सिरोंज में जिला अदालत का रुख किया था। पांचों ने दावा किया कि उन्हें पर्याप्त मुआवजा नहीं दिया गया है। शुकवार को एक वकील और याचिकाकर्ता कपिल त्यागी ने कहा कि जिला न्यायाधीश सुरेंद्र मेश्राम ने मार्च 2024 में सरकारी अधिकारियों को आदेश को लागू करने का आखिरी मौका दिया। त्यागी ने बताया कि आदेश का पालन न होने पर न्यायाधीश मेश्राम ने 23 अप्रैल को निर्देश दिया कि सिरोंज के एसडीएम हर्षल चौधरी के कार्यालय में कुर्सी, अन्य फर्नीचर और कंप्यूटर सहित चल संपत्ति को कुर्क किया जाए।
अचल संपत्ति भी हो सकती है कुर्क
उन्होंने बताया कि “अगर हमें अब भी मुआवजा नहीं मिलता है, तो हम प्रतिवादियों की अचल संपत्ति को कुर्क करने की मांग करते हुए याचिका दायर करने जा रहे हैं।” इस मामले में जिला प्रशासन और एमपी रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MPRDC) प्रतिवादी हैं। याचिकाकर्ता कपिल त्यागी ने बताया कि 2011 में सिरोंज में 1.5 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने के लिए MPRDC ने कुल 82 लोगों की जमीन अपने कब्जे में ली थी। उन्होंने बताया कि बाद में कुछ भूस्वामी अधिक मुआवजे की मांग को लेकर अदालत गए। (इनपुट- भाषा)
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