सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है. कहा जाता है कि शनिदेव की कृपा जिस भी व्यक्ति पर पड़ती है. उसको वह राजा पहले बना देते हैं और तिलक बाद में करते हैं. वैसे तो ग्रहो में शनि देव सबसे क्रूर ग्रह माने जाते हैं और बुरे कर्मों के लिए दंडित भी करते हैं. साथ ही शनि देव सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले भी माने जाते हैं और इनका प्रभाव शुभ और अशुभ किसी भी राशि पर अधिक दिनों तक रहता है. ऐसी स्थिति में कहा जाता है कि शनि की तिरछी अथवा टेढ़ी नजर जिस भाव अथवा राशि या व्यक्ति पर पड़ती है. उस व्यक्ति को कई तरह के दुखों का सामना भी करना पड़ता है.
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि ज्योतिषीय गणना में शनि को बहुत महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है. शनि देव जब प्रसन्न होते हैं, तो जातक को गरीब से अमीर बना देते हैं. साथ ही जब नाराज होते हैं तो अमीर से गरीब बना देते हैं. यानी कि शनि व्यक्ति के कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. शनि देव की कुछ राशि प्रिय मानी गई हैं. कहा जाता है इन राशियों के लोगों पर शनि की विशेष कृपा से जीवन में सदा सुख बना रहता है धन से तिजोरी भरी रहती है.
शनि देव की ये हैं प्रिय राशियां
शनि देव की सबसे प्रिय राशि तुला राशि, मकर राशि और कुंभ राशि मानी जाती है. शनि की दृष्टि जब अपनी राशि अथवा उच्च राशि में होती है, तो व्यक्ति को लाभ मिलता है. शनि की दृष्टि जब मेष, कर्क या सिंह में हो तो लाभ ही लाभ करते हैं. इसके अलावा शनि पर जब बृहस्पति की दृष्टि होती है, तो यह भी लाभकारी माना जाता है. शनि जब कुंभ में होते हैं, तो शुभ फल देते हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 26, 2024, 15:58 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.