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राम मंदिर के विराजमान बालक राम की हर दिन दिव्य छटा निखरती है। इस कड़ी धूप में उनके सांवले- सलोने स्वरूप का दर्शन कर श्रद्धालु निहाल है और आराध्य के समक्ष पहुंच कर उनकी पूरी थकान मिट जा रही है। रामलला के आभा मंडल में उनका दिव्यता से किया जाना वाला शृंगार भी चार चांद लगाता है। उनके हर दिन के अलग-अलग रंग व डिजाइन के परिधान धारण कराए जाने के अलावा उनके आभूषणों में भी अलग-अलग परिवर्तन दिखता है। इसके साथ उनके स्वर्ण मुकुट व अलग-अलग तरह की सोने की जरीयुक्त पगड़ी भी धारण कराई जाती है। उनके में तीन कलंगी तो कभी एक कलंगी तो कहीं सामान्य से थोड़ा भिन्न मुकुट शामिल हैं।
रामलला के वस्त्रों को डिजाइन करने वाले प्रसिद्ध डिजाइनर मनीष त्रिपाठी बताते हैं कि रामलला के लिए खादी व खादी सिल्क के कपड़ों का प्रयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह हमारा सौभाग्य है कि मुझे रामलला के परिधानों को डिजाइन करने का अवसर मिला है। यह एक बड़ी चुनौती भी है। वह कहते हैं अलग-अलग परिधान के डिजाइन के समय यह भी ध्यान रखना होता है कि यहां श्रद्धालुओं की भावनाएं जुड़ी हैं, इसलिए उन्हें भी परिधान पसंद आनी चाहिए।
उधर राम मंदिर के दूसरे चरण का निर्माण भी गति पकड़ चुका है। हालांकि कड़ी धूप में श्रमिकों का काम प्रभावित होता है जिसकी प्रतिपूर्ति रात्रि कालीन बेला में की जा रही है। इस गति के कारण प्रथम तल का काम 70 प्रतिशत से अधिक पूरा हो गया है और द्वितीय तल का भी काम शुरू हो गया है। इसी तरह से श्रीरामजन्म भूमि परिसर में निर्माणाधीन सप्त ऋषियों (महर्षि वशिष्ठ, महर्षि अगस्त्य, महर्षि विश्वामित्र व महर्षि वाल्मीकि के अलावा देवी अहिल्या, निषाद राज व माता शबरी) के मंदिरों का फाउंडेशन का निर्माण का कार्य 50 प्रतिशत पूरा होने को है। वहीं शेषावतार मंदिर के लिए फाउंडेशन का उत्खनन की भी तैयारी चल रही है।
श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यासी डा अनिल मिश्र ने बताया कि चूंकि अभी दक्षिण दिशा में परकोटा निर्माण का काम चल रहा है। इसके कारण शेषावतार मंदिर के फाउंडेशन के उत्खनन को रोका गया है। परकोटा का काम खत्म होने के बाद शेषावतार मंदिर के लिए फाउंडेशन का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।
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श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के प्रमुख न्यासी के. पारासरन हुए विदा
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के प्रमुख न्यासी व भारत सरकार के पूर्व अटार्नी जनरल केशव पारासरन यहां पिछले तीन दिनों से सपरिवार श्रीमदवाल्मीकि रामायण के पारायण का अनुष्ठान कर रहे थे। उनका यह अनुष्ठान गुरुवार को पूरा हो गया। उन्होंने इस अनुष्ठान को रामलला समर्पित करने के उपरांत मध्याह्न में अमावां राम मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने स्वयं रामलला के दर्शनार्थियों को भोजन प्रसाद वितरित किया। इस कार्य उनके परिवारी जन भी सहयोगी रहे। पुनः उन्होंने वहां सपरिवार प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद सीधे महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट के लिए निकल गये। इसके पहले उनका स्वागत अमावां राम के प्रबंधक पंकज झा ने किया।
लाल बहादुर शास्त्री के परिजनों ने रामलला का किया दर्शन
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र अनिल शास्त्री व उनके पौत्र विभाकर शास्त्री एवं परिवार के अन्य सदस्य गुरुवार को अयोध्या पहुंचे। वह यहां निजी धार्मिक यात्रा पर आए थे। उन्होंने रामलला का दर्शन पूजन किया। इस मौके पर श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा अनिल मिश्र व मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव ने उनका स्वागत किया। रामलला के दर्शन के उपरांत स्वर्गीय शास्त्री का परिवार अमावां राम में भी दर्शन करने पहुंचा। यहां मंदिर के प्रबंधक पंकज झा ने उन्हें उनका स्वागत किया और भोजन प्रसाद ग्रहण करने का आग्रह किया। उनके आग्रह पर पूरे परिवार के सदस्यों ने भूमि पर बैठकर आम श्रद्धालुओं की कतार में भोजन प्रसाद ग्रहण किया।