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आगरा में फर्जी कागज बनाकर गिरोह ने दीवानी से 100 से अधिक अपराधियों की जमानत करा ली। एक सूचना पर एसटीएफ और सदर पुलिस ने मंगलवार को गैंग के सरगना सहित सात सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। गिरोह के पास से 129 फर्जी आधार कार्ड, थानों और तहसीलों की 24 मुहरें, धौलपुर व मुरादाबाद जिलों की फर्जी खसरा-खतौनी और वाहनों के रजिस्ट्रेशन के कागज बरामद किए हैं। सरगना अश्विनी और उसका साथी मोहित गुप्ता पूर्व में भी फर्जी जमानत के मामले में जेल जा चुके हैं।
एसटीएफ के इंस्पेक्टर हुकुम सिंह और यतींद्र शर्मा ने सोमवार रात को अलग-अलग स्थानों से आरोपितों को गिरफ्तार किया। सरगना अश्विनी ने बताया कि लोगों की जमानत का 40 हजार रुपये में ठेका लेता था। प्राद और बंटी को फर्जी जमानतदार बनाकर पेश करते थे। दोनों को वह चार-चार हजार रुपये देता था। मोहित गुप्ता, मयंक और सुनील का काम फर्जी मुहरें तैयार करना था। दीवानी में टाइपिंग का काम करने वाल मैराज फर्जी आधार कार्ड बनाकर देता था।
इनकी हुई गिरफ्तारी
भूड़ का बाग कमला नगर का मयंक गुप्ता, राधा नगर बल्केश्वर का सुनील कुमार, लोहिया नगर बल्केश्वर का मोहित गुप्ता, बल्केश्वर का प्रह्लाद कुमार, बुढ़ेरा ताजगंज का बंटी उर्फ उमाशंकर, धूलियागंज का मैराज हुसैन। सरगना अश्विनी कुमार मूलरूप से गांव समाहद,रूपवास का है।
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गैंगस्टर अजय की कराई जमानत
आरोपी कमल ने निर्मल बनकर और हरिओम ने रामकिशन के नाम से कूटरचित कागज तैयार कर गैंगस्टर एक्ट में बंद अजय की जमानत ली थी। कमल और हरिओम ने फर्जी आधार कार्ड में अपना पता गांव भानपुर थाना मनिया धौलपुर दिखाया है। आधार पर दोनों के फोटोे हैं। पुलिस ने आरोपियों से 129 फर्जी आधार, 24 फर्जी मुहरें, 35 वाहनों के पंजीकरण के फर्जी कागज, आठ बैंकों व तहसील की कूटरचित रिपोर्ट, 21 जमानत तस्दीक आख्या का प्रारूप, 49 कूटरचित यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी व जमाबंदी खतौनी के प्रपत्र बरामद किए हैं।
पूछताछ में उगले सहयोगियों के नाम
एसीपी सदर सर्किल पीयूष कांत राय ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में फर्जी जमानत लेने के मामले में फतेहाबाद के हरिओम, देवरी रोड के कमल, सुशील नगर एत्मादुद्दौला के अशोक और बेलनगंज की ममता पत्नी नेमीचंद के नाम भी सामने आए हैं। जिनकी गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। आरोपियों ने अब तक जेल में बंद 100 से अधिक लोगों को फर्जी कागजों से जमानत दिलाने की बात बताई है। आरोपियों ने कुछ अधिवक्ताओं के नाम भी पूछताछ में बताए हैं। जिनकी जांच की जा रही है। आरोपियों से 26 हजार रुपये बरामद किए हैं।