रिपोर्ट-विक्रम कुमार झा
पूर्णिया. आम आदमी सपनों का घर जीवन में एक बार ही बना पाता है. जीवनभर की कमाई वो इसमें लगाता है. ख्वाहिश ये रहती है कि वो अपने परिवार के साथ उसमें सुख से रहे. वो सुंदर घर बनाने के साथ उसमें सुख की दीवारें खड़ी करता है. वास्तु शास्त्र में घर बनाने के महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए हैं.
वास्तु शास्त्र में घर के निर्माण यानी भवन निर्माण से जुड़े कई नियम बताए गए हैं. वास्तु में नए मकान की नींव से लेकर इसकी हर एक दिशा की विस्तृत जानकारी भी दी गई है. पूर्णिया के पंडित मनोत्पल झा कहते हैं भवन निर्माण से पहले जमीन की दिशा और वास्तु दोष से बचने के उपाय भी किए जाते हैं. आईए जानते हैं क्या कहते हैं जानकार
सुख की छत, खुशियों की दीवार
वास्तु शास्त्र सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा पर आधारित होता है. वास्तु में हर एक दिशा का विशेष महत्व होता है. घर में रखी हर एक चीज की निश्चित दिशा बताई गई है. वास्तु शास्त्र में भवन निर्माण यानी नया घर बनाने के भी कुछ खास नियम बताए गए हैं .
शुभ मुहूर्त-खास महीना
अगर आप नया घर बनवाना चाहते हैं तो सबसे पहले इसके लिए शुभ मास और शुभ मुहूर्त चयन करना जरूरी होता है. वैशाख, श्रावण, कार्तिक और फाल्गुन मास में नए भवन का निर्माण करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इस माह में शुरू किए गए मकान के कार्य से आरोग्य और धन-धन की भी प्राप्ति होती है.
नींव डालने में ध्यान रखें
नया मकान बनाने के लिए सबसे पहले उसकी नींव रखी जाती है. वास्तु के अनुसार इस नींव में धातु का एक सर्प और कलश रखना शुभ होता है. माना जाता है इससे शेषनाग इस भवन की रक्षा करते हैं साथ ही साथ कालसर्प दोष को भी देखा जाता है. काल किस दिशा में है और किस दिशा में पूजा पाठ कर भवन निर्माण कराया जाए. इसके भी विशेष ख्याल रखा जाता है. इस नींव में चांदी का या सोने का नाग बनाकर रखा जाता है. कलश को क्षीर सागर का प्रतीक माना जाता है. इसमें जल और दूध मिला होता है. लक्ष्मी जी के प्रतीक के रूप में इसमें एक सिक्का भी डाला जाता है जिससे लोगों को जीवन भर उस जगह पर आर्थिक समस्याएं ना हों और धन धान्य बनी रहेगी.
दिशा और जगह का महत्व
पूर्णिया के पंडित वास्तु शास्त्री मनोत्पल झा कहते हैं वास्तु शास्त्र के मुताबिक लोगों को भवन निर्माण जरूर करना चाहिए. कई लोग आर्किटेक्ट के बने हुए नक्शे कदम पर भवन निर्माण कार्य शुरू कर देते हैं. मनोत्पल झा कहते हैं किसी कुशल वास्तु शास्त्री को अपनी जमीन दिखाकर उसके मुताबिक दिशा और कोने निर्धारित कर भवन निर्माण करना उत्तम रहता है. इससे आर्थिक उन्नति धन-धन संपदा सदा के लिए बनी रहेगी और माता लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहेगी. हालांकि इस दौरान लोगों को सनातन धर्म के मुताबिक कई चीजों से पूजा पाठ कर विधिवत अपनी कुलदेवी का पूजा पाठ कर आशीर्वाद लेना चाहिए.
(Disclaimer: – चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, फेंग शुई आदि विषयों पर आलेख अथवा वीडियो समाचार सिर्फ पाठकों की जानकारी के लिए है. इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है. हमारा उद्देश्य पाठकों तक महज सूचना पहुंचाना है, अतः इसे महज सूचना समझकर ही लें. इसके अलावा, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की होगी, Local 18 इन तथ्यों की कहीं से भी पुष्टि नहीं करता.)
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FIRST PUBLISHED : April 22, 2024, 16:56 IST