UP Weather News: तेज गर्म हवा और चिलचिलाती धूप के बीच लख्नऊ के लोग गर्मी से बेहाल रहे। शुक्रवार को सीजन का अब तक का सबसे गर्म दिन रहा। अधिकतम तापमान 41.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य से 2.5 डिग्री अधिक था। रात में भी तापमान में करीब पांच डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह 26.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कोलकाता से गोरखपुर आने वाली इंडिगो की फ्लाइट तेज हवा के चलते गोरखपुर एयरपोर्ट पर लैंड नहीं कर सकी। हवा के तेज बहाव के चलते फ्लाइट को बनारस डायवर्ट कर दिया गया, जहां उसकी आपात लैंडिंग कराई गई।
मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल 24 घंटे इस गर्मी से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। रविवार और सोमवार को तापमान अपेक्षकृत मामूली रूप से कम रह सकता है। पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद चल रही तेज हवाओं से आसमान साफ रहा। मौसम विभाग के अनुसार धूप का असर पूरी तरह धरती पर पड़ता रहा। इससे तापमान में बढ़ोतरी हुई। लगातार तापमान अधिक रहने से धरती की सतह ठंडी नहीं हो पा रही है। लम्बे अरसे से बारिश भी नहीं हुई। नतीजतन रात के तापमान में भी बढ़ोतरी हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अगले दो दिन रात को तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार भी आसमान आमतौर पर साफ रहेगा।
45 की गति से चली हवा
गर्म पछुआ के झोंके दिन भर आंधी की रफ्तार से चले। अमौसी स्थित मौसम केन्द्र में हवा की अधिकतम रफ्तार 40 से 45 किमी प्रतिघंटा दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार से हवा की गति में गिरावट आएगी।
42 डिग्री की गर्मी में 54 किमी की रफ्तार से लू ने झुलसाया
गोरखपुर में शुक्रवार को जबरदस्त गर्मी रही। अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया। वहीं 54 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चली लू दिन दिन भर झुलसती रही। गर्म हवा के थपेड़ों ने बाहर निकले लोगों को बेहाल कर दिया। शुक्रवार को दिन का तापमान 41.4 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सीजन का सबसे गर्म दिन हो गया। तापमान सामान्य के मुकाबले 3.4 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।
बीते 48 घंटे में मौसम के मिजाज में तेजी से बदलाव हुआ है। तेज रफ्तार से हवा चल रही है। धूल भरी आंधी ने बेहाल कर रखा है। शुक्रवार को सूरज अधिक लाल हुआ। सुबह से ही चटक धूप रही। दिन चढ़ने के साथ सूरज के तेवर और तल्ख हुए। किरणें आग बरसाने लगी। सुबह से पछुआ हवाओं की रफ्तार सूरज के गर्मी के साथ-साथ ही बढ़ती रही। शुक्रवार को औसतन हवा की रफ्तार 27 किलोमीटर प्रति घंटे रही। हालांकि इसमें कुछ झोंके 54 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक के रहे। धूल भरी आंधी के कारण सड़क पर चलने वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। हवा में नामी तेजी से गिर रही है। शुक्रवार को आद्रता 16 फीसदी ही रही।
उधर, बीते बुधवार को करीब 17 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत रफ्तार से पछुआ चली थी। हालांकि इस दौरान हवा के कुछ झोंके 36 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के भी रहे। बुधवार को अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस था। गुरुवार को दिन का तापमान बढ़ने के साथ ही हवा के झोंकों की रफ्तार भी बढ़ गई। गुरुवार को अधिकतम तापमान 39.2 डिग्री सेल्सियस था। जबकि हवा के झोंके 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार के रहे। गुरुवार को औसत हवा की रफ्तार भी 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रही।
तेज हवा से मिलेगी राहत
मौसम विशेषज्ञ केसी पांडेय ने बताया कि शनिवार से तेज गर्म तेज हवा से लोगों को राहत मिलेगी। हवा की रफ्तार कुछ कम होगी। हालांकि तापमान बढ़ा रहेगा।
हवा के चलते वाराणसी डायवर्ट हुई कोलकाता की फ्लाइट
कोलकाता से गोरखपुर आने वाली इंडिगो की फ्लाइट तेज हवा के चलते शुक्रवार को गोरखपुर एयरपोर्ट पर लैंड नहीं कर सकी। हवा के तेज बहाव को देखते हुए फ्लाइट को बनारस डायवर्ट कर दिया गया, जहां उसकी आपात लैंडिंग कराई गई। शाम सात बजे हवा की रफ्तार कम होने पर फ्लाइट ने गोरखपुर के लिए दोबारा उड़ान भरी और रात 7.51 पर एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंड कर गई। फ्लाइट के लेट हो जाने से कोलकाता जाने वाले कुछ यात्रियों ने दूसरी फ्लाइट पकड़ ली जबकि कुछ ने शनिवार के लिए शेड्यूल करा लिया।
एयरपोर्ट अथॉरिटी के अनुसार शुक्रवार को दोपहर से तेज हवा चल रही थी। हवा की रफ्तार 22 नॉटकिल माइल तक थी। इसी बीच कोलकाता से गोरखपुर आने वाली फ्लाइट को एटीसी ने सुरक्षा कारणों से उतरने से मना कर दिया और बनारस के लिए डायवर्ट कर दिया। फ्लाइट करीब पांच बजे बनारस एयरपोर्ट पर लैंड कर गई। यहां दो घंटे तक पार्किंग में खड़ी रही। हवा का बहाव कम होने पर शाम 7.21 बजे फ्लाइट ने गोरखपुर के लिए उड़ान भरी। यहां 30 मिनट बाद 7.51 बजे सुरक्षित लैंड कर गई।
हीट वेव का अलर्ट, संभलकर बाहर निकलें लोग
ताजनगरी आगरा में अब गर्म हवाओं का दौर चलेगा। शुक्रवार से यह शुरू हो गया है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। इसके मुताबिक लोग दोपहर में बाहर न निकलें। जरूरी होने पर छाता और टोपी का प्रयोग करें। साथ ही शरीर में पानी की कमी न होने दें।
अब दिन का तापमान 40 डिग्री से अधिक चल रहा है। सुबह से रात तक गर्म हो गई है। प्रशासन ने बचाव और इलाज के लिए तहसीलों को निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही लोगों को भी अलर्ट किया है। इसके मुताबिक धूप में बाहर निकलना खतरनाक है। खासकर दोपहर 12 से तीन बजे के बीच बाहर जाने से बचा जाए। जरूरी होने पर गमछा, छाते का प्रयोग करें। गीले कपड़े को चेहरे, सिर और गर्दन पर रखें। धूप में ज्यादा मेहनत भरा काम करने से बचें। बीच में भी अंतराल लेते रहें। हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनने की सलाह दी गई है। सफर में पानी साथ रखें, प्यास न लगने पर भी पानी पीते रहें। जानवरों को छांव में रखा जाए, उन्हें पर्याप्त ठंडा पानी दिया जाए। धूप में खड़े वाहनों में बच्चे और जानवरों को न छोड़ा जाए।
इस खानपान से मिलेगी राहत
खानपान में भी बदलाव की जरूरत है। लस्सी, नमक-चीनी का घोल, नीबू पानी, छाछ, आम का पना, फलों का ताजा रस, बेल का शर्बत, नारियल पानी की सेवन करें। मौसमी फल जैसे तरबूज, खरबूज, खीरा, ककड़ी, संतरा, मौसमी का सेवन करें। संतुलित पौष्टिक और हल्का भोजन किया जाए। खाने में दही और सत्तू को भी शामिल करें।
जहां नहीं चढ़ा पारा फिर भी बदला समय
उन्होंने बताया कि प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक जनपदों में गर्मी को देखते हुए स्कूलों का समय बदल दिया गया है। जबकि, इन जनपदों का पारा अभी तक 40 डिग्री को पार नहीं कर पाया है। आगरा में पारा 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। गर्मी से बच्चे गश खाकर गिर रहे हैं। इसके बाद भी जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ने ध्यान नहीं दिया है। इससे शिक्षकों में रोष पनप रहा है। परिषदीय स्कूलों में गर्मी से बचाव की व्यवस्थाएं नहीं हैं।
इनसे परहेज करना जरूरी
हाई प्रोटीन की चीजों से बचें। बासी भोजन न खाएं। चाय, काफी, शराब जैसे पदार्थों का सेवन न करें। यह शरीर को निर्जल कर सकते हैं। घर को ठंडा रखें। पर्दे, शटर का प्रयोग करें। रात में खिड़कियां खुली रखें। ठंडे पानी से बार-बार नहाएं। खिड़कियों को गत्ते या रिफलेक्टर से ढंककर रखा जाए। इससे बाहर की गर्मी को रोका जा सकेगा।
42.0 डिग्री पर पहुंचा तापमान
शुक्रवार को दिन भर गर्म हवाएं चलीं। अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा होकर 42.0 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। जबकि न्यूनतम तापमान भी सामान्य से चार डिग्री ज्यादा होकर 25.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। आर्द्रता का अधिकतम प्रतिशत 47 दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक अब तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी होगी।
समय परिवर्तन की कर चुके हैं मांग
गर्मी को देखते हुए शिक्षक संगठन परिषदीय स्कूलों के समय में परिवर्तन की मांग कर चुके हैं। यूटा के जिला महामंत्री राजीव वर्मा ने जिला बेसिक शिक्षाधिकारी जितेंद्र कुमार गोंड़ को ज्ञापन दिया था। इसमें उन्होंने बताया कि जिले में अप्रैल के प्रथम सप्ताह में पारा 40 डिग्री के पास पहुंच गया है। परिषदीय स्कूलों का समय सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे का है। कक्षा एक से आठ तक मासूम बच्चे पढ़ते हैं। कई विद्यालयों में पीने के पानी और बिजली की व्यवस्था नहीं है। गर्मी से बच्चों में हीट स्ट्रोक का खतरा है। दोपहर दो बजे तक गर्मी में बैठना बड़ी चुनौती है। उन्होंने समय साढ़े सात से दोपहर 12:30 बजे तक करने की मांग की थी।
परिषदीय स्कूल में गर्मी से बच्चे बेहोश
ताजनगरी में गर्मी के तीखे तेवरों से स्कूली बच्चे बेहाल हैं। स्कूलों में बच्चे गश खाकर गिर रहे हैं। खंदौली के नगला भवानी कंपोजिट विद्यालय में बीते दो दिनों में आधा दर्जन से अधिक बच्चे गर्मी से बेहोश हो गए हैं। 10 से 15 मिनट तक उन्हें होश नहीं आया। शिक्षकों का कहना है कि पारा 42 डिग्री पर पहुंच गया है। देहात में बिजली का अभाव है। पंखे भी ठीक से चलते नहीं हैं। शिक्षक संगठन कई बार जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को ज्ञापन देकर स्कूल परिवर्तन की मांग कर चुके हैं। लेकिन, इस ओर कोई ध्यान नहीं हैं।
तागनगरी में अधिकतम तापमान ने शुक्रवार को 42 डिग्री सेल्सियस का आंकड़ा छू लिया है। ऐसे में स्कूली बच्चे बेहाल हैं। आगरा में परिषदीय स्कूलों का समय सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक है। देहात में बिजली का संकट है। स्कूल में कूलर इत्यादि नहीं हैं। बच्चे केवल पंखे के सहारे कक्षाओं में बैठे रहते हैं। पीने के लिए ठंडा पानी तक नहीं है। कंपोजिट विद्यालय नगला भवानी में आधा दर्जन बच्चे गर्मी की चपेट में आ गए। कक्षा तीन से लेकर पांच में बच्चे गर्मी से गश खाकर गिरे हैं। इससे शिक्षक और शिक्षिकाएं भी सकते में हैं। स्कूल के शिक्षक ने बताया कि शुक्रवार को पहले तो कक्षा पांच में एक बच्ची बेहोश हुई थी। उन्होंने बच्ची के मुंह पर पानी डाला। उसके सीने पर हाथ से पंपिंग की। करीब 10 से 15 मिनट में बच्ची होश में आई। उसके बाद शिक्षकों ने राहत की सांस ली। बच्ची के अभिभावकों को बुलाकर उसे घर भेज दिया। उन्होंने बताया कि उसके बाद कक्षा तीन और पांच में आधा दर्जन के करीब बच्चे बेहोश होकर गिर गए।