ऐप पर पढ़ें
पीलीभीत जिले में जिन मतदान केंद्रों पर बाघ का असर माना जा रहा है और लोगों में दहशत है। उसकों दूर करने के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। सुबह से ही दो-दो वन कर्मी संबंधित वन क्षेत्र में संसाधनों के साथ निगरानी करेंगे ताकि किसी को आने जाने में हिचक न हो। अधिकाधिक मतदान कराने के लिए पीटीआर प्रशासन अधिक से अधिक भागीदारी निभाने की तैयारी में है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व और सामाजिक वानिकी के क्षेत्र के अंतर्गत शुरूआती दिनों में करीब 40 मतदान केंद्रों पर बाघ का खतरा या आंशिक प्रभाव बताया गया था। हालांकि वनाधिकारी इसकों शुरू से ही खारिज करते रहे। पर बाद में पंडरी, सेमपुर और हरकिशनापुर, कल्लिया के आसपास गांवों में बाघ का मूवमेंट देखे जाने के बाद वनाधिकारियों ने इसे महसूस किया है। इसके बाद डीएफओ और सामाजिक वानिकी की तरफ से एक अहम एक्शन प्लान बना लिया गया है।
बाघमित्र भी इलाके में रखेंगे नजर
डीएफओ मनीष सिंह ने बताया कि दो दो वनकर्मी संबंधित क्षेत्रों में निगरानी करेंगे और बाघ मित्रों को भी कहा गया है। बताया कि बाघ के बारे में डर सुबह और शाम के वक्त अमूमन रहता है। दूसरा यह है कि मतदान करने के लिए कोई ग्रामीण अकेला नहीं जाता। प्राय देखा गया है कि ग्रामीण सामूहिक रूप में ही मतदान करने को जाते है। इसलिए कहीं कोई परेशानी नहीं है।
पीलीभीत में आज 18.31 लाख मतदाता करेंगे मतदान, 10 प्रत्याशी लड़ रहे चुनाव
पूरी तरह से कारगर रहेगी रणनीति
बता दें कि न्यूरिया क्षेत्र में बाघ के हमले में पिछले दिनों हुई अनहोनियों की वजह से इस क्षेत्र को संवेदनशील माना गया है। इसके लिए 19 अप्रैल यानि मतदान वाले दिन खास रणनीति कारगर रहेगी। ग्रामीणों को विश्वास में लिया गया है कि कि कहीं कोई डर की बात नहीं है। कोई परेशानी नहीं है। वन कर्मी मुस्तैद हैं।
आज बंद रहेगा पीटीआर
पीलीभीत टाइगर रिजर्व आज मतदान दिवस पर बंद रहेगा। डीएफओ मनीष सिंह ने आदेश जारी करते हुए कहा कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व और चूका ईको टूरिज्म 19 अप्रैल को बंद रहेगा। ताकि टाइगर रिजर्व में कार्य कर रहे समस्त नेचर गाइड ड्राइवर और अन्य कर्मचारी अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।