दीपक पाण्डेय/खरगोन.प्रकृति से मिला सोना, चांदी, तांबा, अनाज इत्यादि जिस प्रकार मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है. उसी प्रकार नौ ग्रह और रत्न भी हमारे लिए बेहद जरूरी है. प्राचीन काल में ऋषि मुनियों ने ग्रंथो में नौ ग्रहों के बारे में बताया है. उन्हीं ग्रंथों से ग्रहों और रत्नों का कनेक्शन मिलता है. रत्नों के विशेषज्ञों की माने तो प्रत्येक ग्रह के लिए एक रत्न निर्धारित है. जिस ग्रह की ऊर्जा कुंडली में कम हो जाती है तो उस ग्रह से संबंधित रत्न धारण करने से ऊर्जा फिर बढ़ जाती है. लेकिन यह तभी होता है जब सही रत्न पहना जाएं.
कुछ लोग दूसरों को देखकर या किसी से सुनकर कोई भी रत्न पहन लेते है. यें रत्न इतने पॉवर फूल होते है की गलत रत्न धारण करने पर शारीरिक तौर पर नुकसान भी पहुंचा सकते है. तो चलिए खरगोन के प्रसिद्ध जोहरी (gemologists) एवं ज्योतिषी विशाल सोनी (10 साल का अनुभव) से जानते है कौन सा रत्न किस ग्रह से संबद्ध रखता है. गलत रत्न पहनने से क्या नुकसान होते है.
कुंडली दिखाने के बाद ही पहने रत्न
जोहरी एवं ज्योतिषी विशाल सोनी ने लोकल 18 से कहा कि किसी विद्वान ज्योतिषी को अपनी कुंडली दिखाने के बाद ही रत्न धारण करना चाहिए. यें रत्न ग्रहों की ऊर्जा को बढ़ाते है. इसलिए कुंडली में जिस ग्रह की ऊर्जा कम होती है. उसी ग्रह संबंधित रत्न पहना जाता है. या किसी विशेष इवेंट के लिए भी रत्न धारण किए जाते है. गलत रत्न पहनने पर उससे निकलने वाली ऊर्जा शारीरिक पीड़ा पहुंचा सकती है.
किस ग्रह के लिए कौन सा रत्न –
नौ ग्रहों में सूर्य मुख्य ग्रह माना गया है. इसी के आसपास सभी ग्रह गोचर करते है. इसलिए जब सूर्य की ऊर्जा शरीर में कम होती है तब माणिक रत्न धारण करना चाहिए. उसी प्रकार गुरु (ब्रहस्पति) के लिए पुखराज, बुध ग्रह के लिए पन्ना, मंगल के लिए मूंगा, शुक्र ग्रह के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, चंद्रमा के लिए मोती, राहू ग्रह के लिए गोमेक एवं केतु ग्रह के लिए लसुनिया रत्न धारण करना शुभ माना जाता है.
गलत रत्न पहनने के नुकसान –
विशाल सोनी ने Local 18 को बताया की रत्न एक खास तरह का पत्थर होता है.जिसका सीधा कनेक्शन ग्रहों से होता है. रत्न से निकलने वाली ऊर्जा ग्रह को मजबूत करती है और हमारे काम बनने लगते है. लेकिन उदाहरण के लिए कुंडली में शनि ग्रह की ऊर्जा कम है और सूर्य ग्रह से संबंधित रत्न धारण कर लेंगे तो इससे निकलने वाली ऊर्जा शारीरिक रूप से बीमार कर सकती है. ऐसे में सिर दर्ज, पेट से संबधित बीमारियां, जी घबराने, बल्ड प्रेशर जैसी समस्याएं हो सकती है.
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FIRST PUBLISHED : April 17, 2024, 19:28 IST