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Up Lok sabha election 2024: यूपी में लोकसभा चुनाव के मैदान में बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी उतर आईं। उन्होंने सहारनपुर में कांग्रेस प्रत्याशी इमराम मसूद के लिए चुनाव प्रचार किया। इस दौरान बीजेपी के 400 सीटें जीतने के दावे पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि इन्हें पहले से कैसे मालूम है कि 400 सीटें मिल रही हैं। प्रियंका ने कहा कि यह ज्योतिषी हैं या पहले ही से कोई गड़बड़ी कर रखी है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि इन लोगों ने पहले से ही कोई गड़बड़ी कर रखी है जिससे इन्हें अभी से ही मालूम है कि 400 के पार सीटें मिल रही हैं। इस तरह ज्योतिषी की तरह कैसे कोई कह सकता है। हम इतना कह सकते हैं कि अगर इस देश में आज के दिन ऐसा चुनाव हो जिसमें कोई गड़बड़ी न हो, जिसमें ईवीएम में कोई गड़बड़ी न हो तो मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि यह लोग 180 से ज्यादा सीटें नहीं जीत सकते हैं। उससे भी कम सीटें जीतेंगे।
180 करोड़ कमाने वाली बीजेपी को 1100 करोड़ चंदा दे रही
प्रियंका ने कहा कि मोदी सत्य को नहीं सत्ता को पूजते हैं। भगवान श्रीराम ने भी सत्य की लड़ाई लड़ी थी। जब रावण उनके सामने आया तब वो शक्तिशाली था। लेकिन श्रीराम सत्य पर टिके थे, इसलिए उन्हें युद्ध में जीत हासिल हुई। बीजेपी ने हमेशा अमीरों की जेब भरी। इलेक्टोरल बॉन्ड की सूची को बीजेपी गोपनीय रखना चाहती थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आगे एक नहीं चली। अब लिस्ट सामने आई तो बीजेपी की पोल खुल गई। 180 करोड़ रुपये कमाने वाली कंपनी बीजेपी को 1100 करोड़ रुपये चंदा दे रही है।
प्रियंका ने कहा कि चुनाव जनता का होना चाहिए। जनता के मुद्दों पर होना चाहिए। मोदी जी और बीजेपी के नेता बेरोजगारी, महंगाई, किसानों, महिलाओं की बात नहीं कर रहे हैं। जो असली समस्याएं महिलाओं-किसानों की है, उनके बारे में बात ही नहीं हो रही है। बात इधर उधर की ध्यान भटकाने की हो रही है। इसलिए मैं जहां भी जाती हूं कहती हूं, ये चुनाव आप अपने लिए लड़िए. इस चुनाव को अपने मुद्दों के बारे में बनाइए।
भाजपा के नेता ही संविधान बदलने की बात क्यों कह रहे
एक सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री से पूछा जाना चाहिए कि उनके जो नेता हर जगह क्यों कह रहे हैं कि संविधान बदलने वाले हैं। संविधान को बदलने वाली बात उन्हीं के नेता क्यों कर रहे हैं। ये बात उभरी कहां से है। इस बात का मतलब क्या है। प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि अगर किसी को डरना नहीं चाहिए तो इसका मतलब क्या है? जब संविधान बदलेंगे तब आरक्षण का क्या होगा? पीएम हो या छोटे से छोटा किसान हो उसके वोट के अधिकार का क्या होगा? डरिए मत कहना काफी नहीं होगा, हम तो वैसी भी नहीं डरते हैं।