हाइलाइट्स
कुंडली में सूर्य कमजोर होने पर हर क्षेत्र में परेशानी आती है.
सूर्य दोष किसी भी व्यक्ति के जन्म के समय ही लग जाता है.
Surya Dosh Nivaran Upay : सनातन धर्म में प्रत्येक व्यक्ति की जनम् के बाद ही कुंडली बनवाई जाती है. कुंडली में भविष्य को लेकर कई संकेत दिए जाते हैं. इसके साथ ही ग्रहों के दोषों के बारे में भी जानकारी दी जाती है. आज सूर्य दोष के बारे में जानेंगे. हमारी कुंडली में कुछ ऐसे दोष होते हैं जो हमारे जीवन में कई तरह के बुरे प्रभाव डालते हैं. कुंडली में मौजूद दोष आपकी सेहत, रिलेशनशिप और पढ़ाई पर भी गहरा प्रभाव डाल सकते हैं. ऐसा ही एक दोष है सूर्य दोष. सूर्य दोष के विषय में न्यूज़18 हिंदी को विस्तार से बताया है भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा ने.
सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है. सूर्य से हमें समाज में मान-सम्मान मिलता है. सूर्य ही हमें पिता की संपत्ति दिलाता है, सूर्य के कारण ही आत्मसम्मान बढ़ता है. सूर्य व्यक्ति के जीवन की कई सारी चीजों को लाभकारी बनाता है. यही कारण है कि सूर्य का मजबूत होना जरूरी है.
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कब लगता है सूर्य दोष
सूर्य दोष किसी भी व्यक्ति के जन्म के समय ही लग जाता है. सूर्य को कोई अस्त नहीं कर सकता है. राहु और केतु में सूर्य को अस्त करने की क्षमता होती है. सूर्य अगर 6, 8 या 12 के भाव में चला जाए या फिर नीच की राशि में हो, तो वह कमजोर हो जाता है. वहीं जब सूर्य किसी भाव में राहु के साथ हो तो सूर्य ग्रहण दोष लग जाता है. यह दोष पिता की ओर से आता है.
सूर्य दोष लगने के संकेत
अगर समाज में आपका मान-सम्मान कम हो रहा है. आप अपना आत्मविश्वास खो देते हैं. सूर्य दोष के कारण आपकी शादी में विलंब भी हो सकता है. नौकरीपेशा जातकों को अपने कार्यस्थल में अपमान झेलना पड़ सकता है. आपकी सेहत, पिता की सेहत या फिर पिता जैसे किसी व्यक्ति की सेहत खराब होना. सूर्य दोष गृह क्लेश, असफलता और मतभेद का कारण भी बन सकता है.
सूर्य दोष के प्रभाव को कम करने के उपाय
सूर्य हर राशि में 30 दिन तक रहता है और जब-जब राहु, केतु और शनि ग्रह के साथ वह फंसता है, तो जातक को जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. शास्त्रों में भी कहा गया है कि सूर्य को मजबूत रखने के लिए हर व्यक्ति को अपनी जीवनशैली में उसके उपाय करने चाहिए.
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पिता और गुरु इन दोनों का हमेशा सम्मान करें. रोज सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए. हर बुधवार को गणेश जी की उपासना करनी चाहिए. हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए और उनके चरणों का तिलक माथे पर लगाना चाहिए. आपको किसी निर्धन व्यक्ति को गुड़, गेहूं और तांबे का सामान क्षमता के अनुसार दान करना चाहिए. शादी में परेशानी आ रही है, तो आप आटे का हलवा बना कर किसी वृद्ध व्यक्ति को खिलाएं.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion
FIRST PUBLISHED : April 14, 2024, 15:20 IST