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बीएचयू प्रशासन ने अपने परिवार के सदस्यों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए नई पहल की है। नए शैक्षणिक सत्र में बीएचयू अपने विद्यार्थियों और कर्मचारियों के साथ शिक्षकों को भी मनोवैज्ञानिक कल्याण सेवा मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए मनोविज्ञान अध्ययन की पृष्ठभूमि वाले 15 छात्रों को 90 दिन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की संस्तुतियों के आधार पर शुरू किया गया है। बीएचयू से मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पूर्ण करने वाले और बीएचयू में सर्वपल्ली राधाकृष्णन योजना के तहत इंटर्न के रूप में चुने गए 15 विद्यार्थियों को इस मनोवैज्ञानिक कल्याण सेवा में शामिल किया गया है। ‘विश्वकर्मा-द स्किल्ड काउंसलर’ नामक यह प्रशिक्षण प्रतिभागियों को कुशल परामर्शदाता बनाएगा। छात्रों को यह प्रशिक्षण ‘मानस-द इनसाइड स्टोरी’ संस्था के पेशेवर प्रशिक्षक दे रहे हैं। यह सेवा छात्र अधिष्ठाता कार्यालय से संचालित होगी।
छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा ने कहा कि अनेक तरह की मनौवैज्ञानिक दुविधाएं युवाओं को चिंतित करती हैं और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालती हैं। उनके पास इन चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक माध्यम एवं साधन नहीं होते। प्रो. नेमा ने कहा कि यह सेवा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप है जिसमें मनोवैज्ञानिक कल्याण पर विशेष जोर दिया गया है।
इस सेवा में विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को काम या पढ़ाई के दबाव के बीच मानसिक स्वास्थ्य और सेहत बनाए रखने के तरीके सिखाए जाएंगे। जरूरत पर सभी को परामर्श भी दिया जाएगा। बीएचयू के विद्यार्थी कल्याण सलाहकार कमांडर (सेवानिवृत्त) सयानतन सान्याल ने कहा कि यह पहल विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों के सर्वांगीण कल्याण के प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन की प्रतिबद्धता के तहत की जा रही है।