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समाजवादी पार्टी का गढ़ कही जाने वाली मुरादाबाद लोकसभा सीट पर पार्टी आपसी खींचतान में फंसी दिख रही है। नामांकन के आखिरी दिन मौजूदा सांसद एसटी हसन की बजाय रुचिवीरा को कैंडिडेट बना दिया गया, जबकि वह पहले ही नामांकन दाखिल कर चुके थे। इलेक्शन की कवरेज में जुटी लाइव हिन्दुस्तान की टीम जब मुरादाबाद पहुंची तो एसटी हसन ने बातचीत में अपना दर्द जाहिर कर दिया। उन्होंने ऐन वक्त पर अपना टिकट कटने पर सीधे तौर पर किसी पर ठीकरा नहीं फोड़ा, लेकिन आजम खान पर इशारों में वार कर गए। उन्होंने कहा कि रुचि वीरा तो आजम खान की बेहद करीबी हैं, लेकिन यह मालूम नहीं है कि टिकट किसने कराया।
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एसटी हसन ने कहा, ‘आजम खान साहब जब जेल से निकलेंगे तो उनसे पूछूंगा कि क्यों टिकट कट गया। उन्होंने कहा कि मैं कुर्बानी का बकरा तो नहीं हूं कि हलाल हो जाऊं।’ हालांकि उन्होंने अपना टिकट कटने के लिए अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहराने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि सपा में कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें भाजपा और आरएसएस ने प्लांट कराया है। ये लोग चाहते हैं कि मुसलमान सपा से दूर हो जाएं और पार्टी ही खत्म हो जाए। ये लोग अखिलेश यादव के करीबी हो गए हैं और इन्हें इतना भरोसा है कि हम कुछ भी कर दें, हमें कुछ कहा नहीं जाएगा।
अखिलेश यादव ने टिकट कटने के बाद बात भी नहीं की
सपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘उम्मीदवारी का सवाल है तो आप तुलना कर सकते हैं कि मेरे और रुचि वीरा के बीच फर्क क्या है। मैं यही जानना चाहता हूं कि मेरी खता क्या है। मैं अपराधी हूं या फिर माफिया या मैंने राजनीति को कारोबार बना रखा है? यह कोई बताएगा। एसटी हसन ने कहा कि यदि मैंने कोई खता नहीं की है तो फिर सजा क्यों? बेहद भावुक और भरी आंखों से एसटी हसन ने कहा कि टिकट कटने के बाद भी अखिलेश यादव ने मुझसे बात नहीं की। पार्टी की ओर से प्रचार के लिए भी नहीं बुलाया गया।’
मुरादाबाद के अलावा रामपुर में भी टकराव के हालात
हसन ने कहा कि मैं सिद्धांतों की राजनीति करता हूं। एसटी हसन ने कहा कि अखिलेश यादव किसी से पक्षपात की राजनीति नहीं करते। उनका संस्कार ऐसा है कि वह दबाव में आ जाते हैं और किसी को मना नहीं कर पाते। उनके आसपास के लोगों ने दबाव डाला और टिकट बदल गया। मैंने नामांकन भी कर दिया, लेकिन ऊपर ऐसा दबाव आया कि वह बर्दाश्त नहीं कर पाए। बता दें कि मुरादाबाद के अलावा रामपुर की सीट पर भी सपा में टकराव की स्थिति है। एक तरफ मुरादाबाद में एसटी हसन नाराज हैं तो वहीं रामपुर में आजम खान का खेमा खफा है क्योंकि उनके विपरीत गुट के नेता को टिकट मिल गया है।