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सपा ने गाजीपुर से बाहुबली नेता अफजाल अंसारी को टिकट दिया तो भाजपा ने यूपी की गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से साफ छवी वाले पारसनाथ राय को टिकट दिया है। बुधवार को पार्टी के फैसले के बाद तमाम चर्चाओं पर विराम लग गया। वहीं पारसनाथ राय ने खुद को टिकट मिलने पर कहा कि उन्हें नहीं मालूम था कि वो प्रत्याशी बने हैं। वो क्लास पढ़ा रहे थे जब उन्हें इसकी जानकारी हुई। उन्होंने कहा कि उन्होंने टिकट भी नहीं मांगा था। वो संघ के सेवक हैं और एक सिपाही की तरह की चुनाव मैदान में उतरेंगे।
टिकट मिलने की बात पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं संघ का दायित्वपूर्ण अधिकारी था। अभी मुक्त हुआ हूं। जब मुझे पता चला तो मैं क्लास पढ़ा रहा था। मुझे नहीं लगा था कि मैं प्रत्याशी बना हूं। मैं चौंका नहीं था लगा संगठन ने कोई जिम्मेदारी दी है तो ये काम करेंगे। टिकट मिलने पर उन्होंने कहा कि मैंने टिकट नहीं मांगा था। साधारण स्वयंसेवक हैं और संगठन ने जो काम दिया वो पूरा किया। अब संगठन ने सोचा कि पार्लियामेंट लड़ूं तो मैं तैयार हूं लड़ने के लिए।
सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी के इसी सीट से चुनाव लड़ने पर पारसनाथ राय ने कहा कि सामने कोई भी रहे, मैं तो सिपाही हूं और सिपाही की तरह लड़ा हूं और ऐसे ही लड़ूंगा। चाहे एक बार वाला हो या पांच बार वाला हो मुझे तो लड़ना है और जीतना है। संघ और भाजपा से बहुत पुराना रिश्ता है जो दायित्व मिला वो पूरा किया। उन्होंने कहा कि पूरे जिले की गली-गली, दरवाजे-दरवाजे, हर गांव गया हूं। हर जगह मोटरसाइकिल गई है। यही आधार है काम का।
गाजीपुर से पारसनाथ राय को टिकट दिए जाने पर अफजाल अंसारी की प्रतिक्रिया, बोले- कैंडिडेट अच्छे हैं
जम्मू- कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के अत्यंत करीबी पारसनाथ राय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पुराने सदस्य हैं। इस समय वह जौनपुर में सह विभाग संपर्क प्रमुख हैं। जंगीपुर क्रय-विक्रय सहकारी समिति के अध्यक्ष भी हैं। मनिहारी ब्लॉक के सिखड़ी गांव में दो जनवरी, 1955 को उनका जन्म हुआ। वह बेहद सहज और सरल स्वभाव वाले व्यक्ति हैं। बीएचयू से उन्होंने एमए की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 1986 में वह आरएसएस के जिला कार्यवाह रहे। वह शबरी महिला महाविद्यालय (सिखड़ी), पंडित मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज और विद्या भारती विद्यालय के प्रबंधक है। माना जा रहा. है कि संघ से नजदीकी के कारण ही उन्हें भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है।