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वाराणसी में पुलिस के जवानों को भगवा वस्त्र पहना दिया गया है। ऐसा वाराणसी के पुलिस कमिश्नर की एक पहल के बाद हुआ है। एक दिन पहले ही पुलिस कमिश्नर ने ऐलान किया था कि जल्द ही काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह पर तैनात पुलिस के जवान अर्चकों (पुजारियों) की वेशभूषा धोती और अंगवस्त्र में दिखेंगे। घोषणा के अगले ही दिन बुधवार को विश्वनाथ मंदिर में तैनात पुलिस वालों की तस्वीर सामने आई तो सभी भगवा वस्त्र में दिखे। पुरुष जवानों के साथ ही महिला पुलिसकर्मियों ने भी भगवा रंग के वस्त्र पहने थे। इसे लेकर सपा ने निशाना साधा है। सपा ने पूछा कि किसे खुश करने के लिए यह सब हो रहा है। यह धर्म के साथ खिलवाड़ है। इस तरह के प्रोपेगेंडा से धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। हर वस्त्र की एक मर्यादा होती है। भगवा वस्त्र साधु संतों की पहचान है। काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन को खुद इस मामले को देखना चाहिए। चुनाव के दौरान इस तरह का प्रयोग कत्तई नहीं होना चाहिए। चुनाव आयोग को भी इसका संज्ञान लेना चाहिए।
पुलिस वालों की वर्दी न सिर्फ उनका सम्मान होता है बल्कि उसे देखकर ही कोई भी अराजकता करने की कोशिश नहीं करता है। वर्दी को लेकर एक डर भी बना रहता है। ऐसे में पुलिस वालों को वर्दी की जगह भगवा वस्त्र पहनाना कहीं से भी ठीक नहीं कहा जाएगा।
पुलिस कमिश्नर की क्या है मंशा
मंगलवार को पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कहा था कि काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में अर्चकों की वेशभूषा में पुलिसकर्मियों की तैनाती की तैयारी है। ये पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रित करेंगे। श्रद्धालुओं से अच्छा व्यवहार उनकी तैनाती की कसौटी होगा। तैनाती के पहले उन्हें धार्मिक पुलिसिंग का तीन दिनों का प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा। इनमें पुरुष कर्मी धोती और अंगवस्त्र जबकि महिला पुलिसकर्मी सलवार-कमीज में रहेंगी। यह भी कहा कि इनकी सहायता के लिए दो पुरुष और महिला पुलिसकर्मी सादे वेश में ही गर्भगृह के ठीक बाहर रहेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि बाबा विश्वनाथ के देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालु अच्छी छवि लेकर लौटें, इस उद्देश्य से यह व्यवस्था लागू की जाएगी। उन्होंने बताया, गर्भगृह में तैनात होने वाले पुलिसकर्मियों को इस तरह प्रशिक्षण दिलाया जाएगा कि वे श्रद्धालु-दर्शनार्थियों की भरसक सभी जिज्ञासाओं का समाधान कर सकें। उन्हें विश्वनाथ मंदिर के अलावा काशी के दूसरे महत्वपूर्ण देव और ऐतिहासिक स्थलों की भी जानकारी से लैस किया जाएगा।
पुलिस कमिश्नर के ऐलान के एक दिन बाद ही तैनाती से यह साफ नहीं हो सका कि इनका तीन दिनी प्रशिक्षण हो गया या नहीं। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी ने कहा कि इस तरह के प्रोपेगेंडा से केवल धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। पुलिस वालों को वर्दी की जगह भगवा वस्त्र पहनाना धर्म के साथ खिलवाड़ है। विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन को इसे देखना चाहिए। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि चुनाव के दौरान इस तरह का प्रयोग कत्तई नहीं होना चाहिए। चुनाव आयोग को भी इसका संज्ञान लेना चाहिए। यह देखना चाहिए कि आखिर आचार संहिता लगी होने पर इस तरह का फैसला किसे खुश करने के लिए किया जा रहा है।