What is Sports Hernia: भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज और आईपीएल में मुंबई इंडियंस टीम की तरफ से खेलने वाले खिलाड़ी सूर्यकुमार यादव की हाल ही में सर्जरी हुई है. इससे पहले बॉलीवुड एक्टर सुनील शेट्टी के दामाद और लखनऊ सुपर जाइंट्स के कप्तान, स्टार क्रिकेटर केएल राहुल को भी इस सर्जरी से गुजरना पड़ा था. इन दोनों ही खिलाड़ियों ने जर्मनी के म्यूनिख में बने सबसे बड़े हर्निया सेंटर में अपनी सर्जरी कराई थी.
आपको बता दें कि इन दोनों ही खिलाड़ियों को क्रिकेट खेलते-खेलते दर्द की परेशानी हुई थी और जांच में स्पोर्ट्स हर्निया की बीमारी का पता चला था. हालांकि जिस बीमारी के इलाज के लिए दोनों क्रिकेटर जर्मनी गए थे, उसका इलाज भारत के अस्पतालों में भी है. यहां भी स्पोर्ट्स हर्निया की सर्जरी सफलतापूर्वक होती है. सबसे पहले जानते हैं क्या है ये बीमारी..
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स्पोट्स हर्निया ऐसी बीमारी है जो आमतौर पर खिलाड़ियों को ही होती है. यह महिला या पुरुष किसी भी खिलाड़ी को हो सकती है. सिर्फ इंटरनेशनल प्लेयर्स ही नहीं बल्कि स्टेट या नेशनल लेवल के खिलाड़ी भी इस परेशानी से जूझते हैं और उन्हें भी इसका इलाज कराना ही पड़ता है.
स्पोर्ट्स हर्निया सामान्य हर्निया से अलग बीमारी है लेकिन इसकी सर्जरी एक ही सर्जन करता है.
जब भी किसी खिलाड़ी के पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियां (Lower Abdominal Muscles) कमजोर होती हैं तो स्पोर्ट्स हर्निया होने का खतरा रहता है. आमतौर पर खिलाड़ी जब कोई खेल खेलते हैं, वजन उठाते हैं या कोई गतिविधि करते हैं तो पेट की निचली मसल्स पर दवाब बढ़ता है और दर्द शुरू हो जाता है. यह दर्द इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि खेलना तो दूर खिलाड़ी के लिए बैठना-उठना भी मुश्किल हो जाता है.
इन खिलाड़ियों को होती है ये बीमारी
गिलमोर की रिपोर्ट के अनुसार फुटबॉल के 59 फीसदी खिलाड़ियों को यह परेशानी हो जाती है. जबकि रग्बी प्लेयर्स में 10 फीसदी, रैकेट गेम्स जैसे बेडमिंटन और लॉन टेनिस के 4 फीसदी खिलाड़ियों में, 4 फीसदी एथलीटों में, 2 फीसदी क्रिकेटर्स में, 2 फीसदी हॉकी खिलाड़ियों में और बाकी 19 फीसदी अन्य स्पोर्ट्स प्लेयर्स को स्पोर्ट्स हर्निया हो जाती है.
क्यों होती है ये बीमारी?
सफदरजंग अस्पताल के स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर में स्पोर्ट्स मेडिसिन डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. हरलीन उप्पल बताती हैं कि स्पोर्ट्स हर्निया अक्सर खिलाड़ियों को इसलिए भी होता है क्योंकि सभी खिलाड़ी लोअर लिंब यानि पैरों की एक्सरसाइज तो खूब करते हैं लेकिन इस दौरान लोअर एब्डोमिनल मसल्स की एक्सरसाइज रह जाती है. जिससे यह हिस्सा कमजोर हो जाता है. ऐसे में जब कोई स्ट्रेचिंग या वजन उठाने वाली गतिविधि की जाती है तो इन कमजोर मांसपेशियों पर दवाब पड़ता है और पेट के नीचे व ग्रोइन में दर्द होने लगता है. यह दर्द कई दिनों तक लगातार हो सकता है.
दो तरह से होता है इलाज
स्पोर्ट्स हर्निया का पता अल्ट्रासाउंड, एक्सरे और एमआरआई के माध्यम से किया जाता है. साथ ही इसका इलाज भी दो तरह से होता है. पहला कंजर्वेटिव मैनेजमेंट यानि दवाएं, एक्सरसाइज या योग प्रोग्राम को फॉलो कराके लोअर लिम्ब्स, कोर मसल्स और एब्डोमिनल मसल्स को मजबूत करने की कोशिश की जाती है. अगर इससे मरीज को फायदा नहीं मिलता है तो फिर दूसरा इलाज सर्जरी की जाती है.
दिल्ली के इन अस्पतालों में हो सकती है सर्जरी
डॉ. हरलीन कहती हैं कि स्पोर्ट्स हर्निया, सामान्य हर्निया की बीमारी से थोड़ी अलग होती है लेकिन इसकी सर्जरी वही सर्जन करते हैं जो हर्निया की सर्जरी करते हैं. अगर कोई खिलाड़ी इस बीमारी के साथ आता है तो उसकी सर्जरी स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर में नहीं होगी बल्कि सफदरजंग अस्पताल में सामान्य हर्निया के सर्जन ही करेंगे. यही वजह है कि स्पोर्ट्स हर्निया की सर्जरी की एम्स सहित दिल्ली के अन्य सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में भी करवाई जा सकती है.
ये हैं इससे बचने के उपाय
डॉ. हरलीन कहती हैं कि हर इंजरी से बचा जा सकता है. स्पोर्ट्स हर्निया को भी रोका जा सकता है. इसके लिए ये 5 चीजें खिलाड़ी जरूर याद रखें.
. जैसे खिलाड़ी खेल पर फोकस करता है, ऐसे ही शरीर के लिए प्रिवेंटिव प्रोग्राम्स पर ध्यान दे. इनमें सेहत के लिए एक्सरसाइज गाइड से लेकर खानपान तक शामिल होता है.
. खिलाड़ी डाइट का भी विशेष ध्यान रखें. जो प्रोग्राम में बताया जाता है, उसके हिसाब से चलें.
. खेलने की तकनीक को समझकर खेलें. गलतियां न करें. प्रॉपर गाइड के निर्देशन में अभ्यास करें.
. जिम जा रहे हैं तो जिम ट्रेनर की गाइडेंस में वर्कआउट करें.
. अगर किसी को दर्द की शिकायत है तो उसे और बढ़ने न दें, डॉक्टर से परामर्श करें.
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Tags: Cricket, Health News, KL Rahul, Sports news
FIRST PUBLISHED : April 9, 2024, 20:12 IST