हाइलाइट्स
आज से शुरू हो रहा विक्रम संवत 2081.
गुड़ी पड़वा के दिन नीम की पत्ती खाने का विधान भी है.
Gudi Padwa 2024 : हिंदू पंचांग के अनुसार नववर्ष की शुरुआत चैत्र के महीने में होती है. चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष का आरंभ होता है. इस नववर्ष को देशभर में अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है. महाराष्ट्र में मुख्य रूप से हिंदू नववर्ष को नव-सवंत्सर भी कहा जाता है तो कहीं इसे गुड़ी पड़वा के रूप में मनाते हैं. दक्षिणी राज्यों में इसे उगादी कहते हैं. गुड़ी शब्द का अर्थ विजय पताका और पड़वा का अर्थ प्रतिपदा से होता है. इस दिन घरों को सजाया जाता है और उत्सव के साथ इस त्योहार को मनाते हैं. इस विषय में विस्तार से न्यूज़18 हिंदी को बताया है भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा ने.
ऐसी मान्यता है कि गुड़ी पड़वा का त्योहार विधि-विधान के साथ मनाने से घर में सुख और समृद्धि आती है. घर के आसपास की निगेटिव एनर्जी पूरी तरह से खत्म हो जाती है. आइए विस्तार से जानते हैं कि आखिर गुड़ी पड़वा के त्योहार को क्यों और किसलिए मनाया जाता है.
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प्रतिपदा की शुरुआत
प्रतिपदा तिथि की शुरुआत इस साल 08 अप्रैल 2024 को रात 11 बजकर 50 मिनट पर शुरू हो चुकी है जो अगले दिन यानी 9 अप्रैल को रात 8 बजकर 30 मिनट तक रहेगी.
गुड़ी पड़वा के पूजा की विधि क्या है?
इस बार गुड़ी पड़वा का त्योहार 9 अप्रैल 2024 को है.
सुबह सूर्योदय से पहले स्नान कर लें.
घर में सुंदर-सुंदर गुड़ी लगाकर और उसका पूजन करें.
ऐसा करने से घर की नकारात्मकता दूर होगी.
इस दिन खास तरह के व्यंजन जैसे की श्रीखंड, पूरनपोली, खीर आदि बनाई जाती है.
गुड़ी पड़वा से जुड़ी 5 रोचक बातें बातें
1. साल का पहला दिन
इस दिन को हिन्दू नववर्ष का पहला दिन माना जाता है. नववर्ष के पहले दिन को पूरे साल का स्वामी माना जाता है. हिंदू नववर्ष की शुरुआत मंगलवार से हो रही है इस कारण नए विक्रम संवत के स्वामी मंगलदेव होंगे.
2. निर्माण का दिन
धार्मिक मान्यता के अनुसार गुड़ी पड़वा के दिन ही ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना का काम शुरू किया था. सतयुग का आरंभ भी इसी दिन से हुआ था. सृष्टि का प्रथम दिन या युगादि तिथि भी कहते हैं. ऐसी मान्यता है कि रामायण काल में भगवान राम ने चैत्र प्रतिपदा के दिन ही बालि का वध किया था और इसी दिन विजय पताका फहराई थी.
3. हिंदू पंचांग की रचना का काल
प्राचीन भारत के महान गणितज्ञ एवं खगोलशास्त्री ने अपने अनुसन्धान की रचना भी इसी दिन से की थी. उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य ने विक्रम संवत की शुरुआत की थी.
4. छत्रपति शिवाजी मुगलों से जीते थे युद्ध
ऐसी मान्यता है कि मुगलों से युद्ध जीतने के बाद छत्रपति शिवाजी ने पहली बार गुड़ी पड़वा का त्योहार मनाया था.
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5. फसल की पूजा करने का महत्व
गुड़ी पड़वा पर मराठियों के लिए नए हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. इस दिन लोग फसलों की पूजा आदि भी करते हैं. गुड़ी पड़वा पर लोग नीम के पत्ते खाते हैं. इस दिन सूर्य देव की विशेष पूजा आराधना की जा जाती है.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha, Gudi Padwa, Religion
FIRST PUBLISHED : April 9, 2024, 07:27 IST