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संभल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव में कोई भी प्रत्याशी विजयी रहे, वह पहली बार संसद पहुंचेगा। सपा और बसपा प्रत्याशी पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। हालांकि बसपा प्रत्याशी विधायक रहे चुके है और सपा प्रत्याशी मौजूदा विधायक हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी पूर्व में लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
संभल लोकसभा क्षेत्र में प्रमुख पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। भाजपा से परमेश्वर लाल सैनी को प्रत्याशी बनाया गया। वहीं समाजवादी पार्टी ने कुंदरकी के मौजूदा विधायक जियाउर्रहमान बर्क को प्रत्याशी घोषित किया गया है, जबकि बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व विधायक सौलत अली पर दांव खेला है। इन में कौन प्रत्याशी चुनाव में विजयी रहता है, वह भविष्य के गर्त में छिपा हुआ है, लेकिन इनमें कोई भी प्रत्याशी विजयी रहे वह पहली बार संसद पहुंचेगा।
भाजपा प्रत्याशी परमेश्वरलाल सैनी वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, जबकि सपा और बसपा प्रत्याशी पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि सपा प्रत्याशी जियाउर्रहमान वर्क कुंदरकी से मौजूदा विधायक है, जबकि सौलत अली 1996 में मुरादाबाद पश्चिमी से विधायक रह चुके हैं।
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परमेश्वर लाल सैनी वर्ष 2010-2016 में बसपा से एमएलसी रह चुके हैं। वर्ष 2019 में संभल लोकसभा से भाजपा ने प्रत्याशी बनाया और दूसरे नंबर पर रहे। इसके बाद 2022 में बिलारी विधान सभा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और कम अंतर से चुनाव हार गए। हालांकि वर्ष 2014 के मुकाबले 2019 में इनका जनाधार बढ़ा था।
जियाउर्रहमान बर्क ने अपने सियासी सफर की शुरुआत वर्ष 2017 से की। वह संभल विधानसभा क्षेत्र से एआईएमआईएम के टिकट पर चुनाव लड़े और हार का मुंह देखना पड़ा। जियाउर्रहमान बर्क वर्तमान में कुंदरकी से समाजवादी पार्टी के विधायक है। दादा शफीकुर्रहमान बर्क के निधन के बाद सपा ने उन्हें संभल से लोकसभा प्रत्याशी बनाया है।
सौलत अली मुरादाबाद विधानसभा से वर्ष 1981, 91, 93 में चुनाव लड़े, लेकिन वह इन चुनावों में जीत का स्वाद नहीं चख सके। वर्ष 1996 में मुरादाबाद पश्चिम जो इस समय मुरादाबाद देहात है, वह समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े और विधायक बने। इसके बाद वर्ष 2007 में रालोद और 2012 में कांग्रेस से चुनाव लड़े लेकिन हारे। वर्ष 2017 में पर्चा खारिज होने के कारण चुनाव नहीं लड़ सके थे। अब हाथी पर सवार होकर संभल लोकसभा से प्रत्याशी हैं।